जीविका समूह की महिलाओं ने दस सूत्री मांगों को लेकर शुक्रवार को जीविका कार्यालय में विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान महिलाओं ने जीविका कार्यालय में तालाबंदी कर कामकाज ठप कर दिया. बीपीएम ने तालाबंदी का विरोध कर कार्यालय खोलने का प्रयास किया तो महिलाएं उग्र हो गईं और नारेबाजी करते हुए बीपीएम को बंधक बना ली. कार्यालय के अंदर बीपीएम को घंटों बैठा कर रखा गया. इस दौरान महिलाओं और बीपीएम के बीच मारपीट होने की भी बात कही जा रही है. जीविका समूह की अध्यक्ष रीता देवी, सचिव रीता कुमारी ने बताया कि बीपीएम अनिल कुमार जबरन कार्यालय का ताला खोल कर कार्य करने का प्रयास कर रहे थे.
जीविका दीदियों के तालाबंदी करने की बात पर भड़क गये बीपीएम
जब बताया गया कि जीविका समूह की महिलाएं अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं और कार्यालय में तालाबंदी की है तो इस बात पर बीपीएम भड़क गये और महिलाओं के साथ वाद-विवाद हो गया. कार्यालय में ही धक्का-मुक्की करने पर उतारू हो गये. महिलाओं ने बताया कि जीविका दीदियों के साथ बीपीएम ने काफी गलत व्यवहार किया. बीपीएम हड़ताल पर जाने वाली महिलाओं को धमकी दे रहे हैं. वहीं, सुलतानगंज प्रखंड के कुमैठा पंचायत में भी जीविका समूह की महिलाओं ने कार्यालय में तालाबंदी कर विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान कार्यालय में सभी कामकाज ठप कर दिया गया.
ऋण माफी, पदोन्नति की व्यवस्था, 25 हजार मानदेय आदि की है मांग
अपनी मांगों के समर्थन में लगातार आंदोलन कर रही जीविका समूह की दीदियों ने कहलगांव प्रखंड जीविका कार्यालय में शुक्रवार को तालाबंदी कर जम कर प्रदर्शन किया. इस दौरान जीविका कर्मी को कार्यालय में ही बंधक बना लिया. जीविका दीदियों ने कहा कि सभी जीविका कैडरों को सरकार नियुक्ति पत्र एवं पहचान पत्र दे. मानदेय कंट्रीब्यूशन सिस्टम पर अविलंब रोक लगे. सभी कैडर का मानदेय कम से कम 25 हजार किया जाए. तीन वर्ष पुराने जीविका दीदी का ऋण माफ हो. परियोजना में तीन साल पूरा करने वाले कैडरों के लिए स्टाफ के रूप में पदोन्नति की व्यवस्था करने की भी मांग की. सभी कैडरों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ, अवकाश, महिला कैडरों को विशेष अवकाश देने की भी मांग की.
कर्मी पर लगायी काम से हटाने और मानदेय काटने की धमकी देने का आरोप
प्रदर्शन में सैकड़ों जीविका दीदियां शामिल थीं. जीविका दीदी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बीपीएम और जीविका कर्मी गौतम कुमार के द्वारा शोषण किया जाता है. हमेशा मानदेय काटने और हटाने की धमकी दी जाती है. प्रदर्शन के दौरान जीविका कर्मी गौतम कुमार के द्वारा जीविका दीदियों को केस दर्ज करने की बात कहने पर सभी जीविका दीदी बिफर पड़ीं और उसके खिलाफ जम कर नारेबाजी की. हंगामा की सूचना पर कहलगांव पुलिस पहुंची और सभी कर्मी को एक-एक कर कार्यालय से बाहर निकाला. उसके बाद जीविका दीदी स्वतः बाहर निकल गयी.