– पांच लाख पीस साड़ियों का मिला है आर्डर, 40 से 50 करोड़ का हाेगा कारोबार- नाथनगर, चंपानगर, नरगा, हसनाबाद व तांतीबाजार के 10 हजार बुनकरों को मिला काम
दीपक राव, भागलपुर
एक ओर जहां लग्न के समय बुनकरों के हाथों से बुनी हुई साड़ियों की डिमांड बाजार में बढ़ गयी है, वहीं दूसरी ओर से आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु व केरल की महिलाएं त्योहारों में सिल्क सिटी की साड़ियां पहनेंगी. इसे लेकर पांच लाख साड़ियों का आर्डर बुनकरों को मिला है. जिससे 40 से 50 करोड़ के कारोबार होने की उम्मीद है. इससे भागलपुर प्रक्षेत्र के नाथनगर, चंपानगर, नरगा, हसनाबाद, तांतीबाजार, हुसैनाबाद आदि के 10 हजार बुनकरों को रोजगार भी मिल रहा है.तिरुवातिरा त्योहार में साड़ी पहनकर महिलाएं करेंगी नृत्यनरगा के युवा सिल्क कारोबारी तहसीन सवाब ने बताया कि केरल व तमिलनाडु में तिरुवातिरा त्योहार जनवरी में मनाया जाता है. इसमें समूह नृत्य कर महिलाएं उत्सव मनाती है. इसके अलावा आंध्रप्रदेश में भी इससे मिलता-जुलता त्योहार होता है. तिरुवातिरा त्योहार में महिलाएं अद्भुत प्रिंट वाली साड़ी पहनकर समूह नृत्य करेंगी. नाथनगर के बुनकर यासिर अहमद ने बताया कि यह साड़ियां केमिकल फ्री सेमी सिल्क की होती है.
पांच वर्षों से है थीम व स्टोरी पर आधारित प्रिंट वाली साड़ियों की डिमांडतांतीबाजार के चंदन तांती ने बताया कि सिल्क सिटी से पांच वर्षों से थीम व स्टोरी पर आधारित प्रिंट वाली साड़ियों की डिमांड केरल, चेन्नई व हैदराबाद आदि महानगरों में है. इसमें लोक संस्कृति को प्रिंट के जरिये उकेरी जाती है. बताया कि साउथ में इक्कत सिल्क व कांजीवरम साड़ी महंगी होती है. यह 10 से 15 हजार रुपये प्रति पीस है, जबकि भागलपुर में बनी केमिकल फ्री सेमी सिल्क साड़ी 1500 से 2000 रुपये प्रति पीस तक तैयार हो रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है