इस बार अधिकतर स्थानों पर चौरचंद तीज के दिन ही शुक्रवार को मनाया गया. दरअसल शुक्रवार को ही चौथी तिथि का प्रवेश हो गया और संध्या वेला चौथी तिथि में थी. चौरचंद में चौथी तिथि में उदित चंद्रमा को रात्रि में अर्घ्य दिया गया. दही के छांछ को आगे रख कर चंद्रमा को देखा गया. चौथ चंद की पूजा शाम में चांद निकलने के बाद हुई. दिन भर निर्जला व्रत करने के बाद व्रतियों ने चांद को अर्घ दिया. रात में चंद्रोदय के साथ पूजन शुरू हुआ. भगवान गणेश को तिल व शकरकंद का भोग लगा कर लाडले के सुखद जीवन व दीर्घायु के लिए मन्नत मांगी. चंद्रमा को अर्घ्य देकर महिलाओं ने व्रत तोड़ा. पर्व को लेकर सुबह से ही घरों में उल्लास था. परंपरागत पकवान परिवारजन को परोसे गये. आदमपुर की व्रती रानी राय ने बताया कि चंद्रदेव की पूजा के दौरान महिलाएं संतान के दीर्घायु और निरोगी होने की कामना करती हैं. पर्युषण पर्व के छठे दिन हुआ जप दिवस समारोह जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा व तेरापंथ महिला मंडल के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को तेरापंथ उपासना कक्ष, नया बाजार में पर्युषण पर्व के छठे दिन जप दिवस समारोह हुआ. उपासिका मंजू नाहटा ने कहा कि पर्युषण पर्व आत्मसाधना और आत्मआराधना का पर्व है. व्यक्ति त्याग व तपस्या द्वारा अपने इंद्रिय मन और चित्त को संयमित करते हुए अपनी आत्मा के निकट जाने का प्रयास करता है. आत्मा के निकट जाने के लिए व्यक्ति द्वारा गृहीत किये हुए व्रत, जप और ध्यान उसे परमात्मा में लीन होने का मार्ग दिखाते हैं. इस मौके पर विनोद वैद्य, अभिषेक बोथरा, संदीप वैद्य, संपत वैद्य, हंसराज वैद्य, गणेश बोथरा, टीकम चंद बेताला, उज्जैन मालू, पंकज वैद्य, प्रिया बोथरा, रानू सेठिया, महक बेतला, प्रमिला कोठारी, श्रृष्टि वैद्य, सरोज बोहरा, अनिता वैद्य, सपना मालू, मनीषा सेठिया, मानक बेताला, राजू वैद्य आदि उपस्थित थे.
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