Bihar: भागलपुर में विक्रमशिला सेतु के समानांतर पुल निर्माण में नया पेंच, जानें कैसे डॉल्फिन बनी अड़चन!

भागलपुर के विक्रमशिला सेतु के समानांतर पुल निर्माण में पेंच फंसा हुआ है. नयी अड़चन गांगेय डॉल्फिन अभयारण्य को लेकर आ गयी है.पुल का निर्माण डॉल्फिन के लिए खतरनाक बताया जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 20, 2022 2:46 PM

भागलपुर के विक्रमशिला सेतु के समानांतर पुल निर्माण के पेंच को दूर किये बिना गंगा में चिह्नित जगह पर पुल निर्माण का कार्य शुरू होना नामुमकिन है. यह कई सालों से टेंडर के पेंच में फंसा है. अब नयी अड़चन गांगेय डॉल्फिन अभयारण्य को लेकर आ गयी है. क्लीयरेंस नहीं मिल रहा है. पुल का निर्माण डॉल्फिन के लिए खतरनाक बताया जा रहा है.

गांगेय डॉल्फिन अभयारण्य से क्लीयरेंस जरुरी

गांगेय डॉल्फिन अभयारण्य से जबतब क्लीयरेंस नहीं मिलता है, तबतक पुल निर्माण का कार्य शुरू होने की उम्मीद नहीं है. भले ही ठेका एजेंसी बहाल ही क्यों न हो जाये. नये सिरे से अपनायी जा रही टेंडर की प्रक्रिया अबतक पूरी नहीं हो सकी है. 18 मई को ही टेक्निकल बिड खुला है, लेकिन सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, नयी दिल्ली से अबतक तकनीकी बिड का मूल्यांकन नहीं हो सका है. अभी फाइनेंसियल बिड खुलना बाकी है. तकनीकी बिड में सफल एजेंसियों का फाइनेंसियल बिड खुलने का प्रोविजन है.

पिछली बार इनलैंड वाटरवेज पुल बनाने पर लगायी थी रोक :

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने पुल बनाने पर रोक लगा दी थी. टेंडर फाइनल होने और ठेका एजेंसी की बहाली होने के बावजूद सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, नयी दिल्ली को टेंडर रद्द करना पड़ा.

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दरअसल, आइडब्ल्यूएआइ ने पुल के पूरे हिस्से का स्पैन 100 मीटर फासले का होना बताया था. कहा था कि इस मानक को पूरा किये बगैर निर्माण की अनुमति नहीं मिलेगी. जबकि, 50 मीटर के फासले पर स्पैन बनाने की योजना थी. मौके पर फायदा चयनित ठेका एजेंसी ने भी उठाने की भरपूर कोशिश की थी. डिजाइन में बदलाव की बात बता अतिरिक्त 400 करोड़ रुपये की मांग की थी.

भागलपुर टू हंसडीहा

रजौन व बौंसी में बाइपास के पेच में फंसा अलाइनमेंट की मंजूरी ; भागलपुर से हंसडीहा के बीच फोरलेन निर्माण के लिए अलाइनमेंट की स्वीकृति पांच माह बाद भी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, नयी दिल्ली से नहीं मिली है. प्रोजेक्ट में शामिल दो जगहों के बाइपास के पेच में यह फंस गया है.

मिनिस्ट्री ने राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, भागलपुर से कहा है कि वह इस सिलसिले में कमेटी से बात करे और इसकी रिपोर्ट भेजे. मामला यह है कि रजौन में बाइपास की लंबाई बढ़ानी है या कम करनी है और बौंसी में बाइपास निर्माण की जगह नहीं है. ऐसे में इस समस्या को कैसे सुलझाया जाये, इस पर कमेटी का मंतव्य जरूरी है. मिनिस्ट्री को फरवरी में स्वीकृति के लिए अलाइनमेंट की फाइल भेजी गयी है. इससे पहले भागलपुर और बांका के सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों को प्रजेंटेशन दिया गया था और इस अलाइनमेंट पर उनकी रजामंदी ली गयी थी.

बाेले अधिकारी

समानांतर पुल निर्माण के लिए अभी गांगेय डॉल्फिन अभयारण्य का क्लीयरेंस नहीं मिला है. यह डॉल्फिन के लिए खतरनाक बताया जा रहा है. ऐसे में टेंडर की प्रक्रिया अपनायी जा रही है, लेकिन जब तक क्लीयरेंस नहीं मिलता है तब तक पुल निर्माण शुरू नहीं हो सकेगा. हंसडीहा रोड के लिए भी अलाइनमेंट को मंजूरी नहीं मिली है. रजौन और बाैंसी में बाइपास का मामला सामने आया है. एनएच विभाग से रिपोर्ट सब्मिट करने कहा गया है.

— प्रदीप कुमार लाल, रीजनल ऑफिसर, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय

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Posted By: Thakur Shaktilochan

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