BAU Sabour : बीएयू के कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में कार्यशाला का हुआ आयोजन
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय सबौर में बुधवार को जैव प्रौद्योगिकी और आणविक जीव विज्ञान में नये प्रतिमान और अनुसंधान प्रस्ताव समीक्षा पर कार्यशाला का आयोजन किया गया.
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय सबौर में बुधवार को जैव प्रौद्योगिकी और आणविक जीव विज्ञान में नये प्रतिमान और अनुसंधान प्रस्ताव समीक्षा पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला के मुख्य अतिथि प्रधान वैज्ञानिक आइसीएआर राष्ट्रीय पौध जैव प्रौद्योगिकी संस्थान, नई दिल्ली के प्रतिष्ठित पौध जैव प्रौद्योगिकी वैज्ञानिक डॉ जसदीप चतरथ पादरिया थे. कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ एन चटोपाध्याय ने कार्यशाला सह अनुसंधान प्रस्ताव समीक्षा कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी. इस अवसर पर कुलसचिव डॉ एम हक कृषि, संकायाध्यक्ष डॉ एके साहा ने भी छात्रों और संकायों के साथ अपने विचार साझा किया. सत्र के दूसरे भाग में सीएबीटी सबौर और एमबीजीई सबौर के सभी नव नियुक्त सहायक प्रोफेसर सह जूनियर वैज्ञानिकों ने जैव प्रौद्योगिकी पर अपने नए अनुसंधान प्रस्ताव प्रस्तुत किए. समीक्षा बैठक का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ.
जल्दी ही बीएयू के तीन-चार उत्पादों का होगा जीआइ पंजीकरण
बिहार राज्य में भौगोलिक संकेत उत्पादों से संबंधित पंजीकरण प्रक्रिया में तेजी लाने को लेकर कृषि विभाग के अधिकारी की सहभागिता को लेकर सचिव कृषि, बिहार सरकार की अध्यक्षता में कुलपति बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के साथ मंगलवार को वर्चुअल बैठक की गयी. कृषि सचिव संजय अग्रवाल के द्वारा जीआइ उत्पादों के पंजीकरण में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा किये जा रहे कार्य एवं भविष्य में कार्य योजना पर संतुष्टि जतायी और जल्द ही तीन-चार उत्पादों के जीआइ पंजीकरण करने का आश्वासन दिया. बैठक में कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय डॉ डीआर सिंह के द्वारा तीन बिंदुओं पर विशेष बल देते हुए पंजीकरण की दिशा में बिहार सरकार के अधिकारियों की सहभागिता की अपेक्षा की गयी. कृषक समूहों के संगठन, दस्तावेजों के संग्रहण एवं क्षेत्र विस्तार में संबंधित जिले के कृषि अधिकारियों की सहभागिता की अपेक्षा की गयी, साथ ही ये आश्वासन दिया गया कि शीघ्र ही 3-4 उत्पादों का जीआइ पंजीकरण की सफलता प्राप्त होगी. बैठक में राज्य सरकार की तरफ से सभी आला अधिकारियों ने भाग लिया. जबकि बीएयू के तरफ से अनुसंधान निदेशालय के वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया. बैठक का आयोजन मंगलवार को वर्चुअल माध्यम से किया गया.
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