विश्व हेपेटाइटिस दिवस : अब शराब से कम, तेल-मसाले व फास्टफूड से अधिक हो रहा लीवर डैमेज

विश्व हेपेटाइटिस दिवस : शराब से कम, तेल-मसाले व फास्टफूड से अधिक हो रहा लीवर डैमेज

By Prabhat Khabar News Desk | July 27, 2024 9:21 PM

– मायागंज अस्पताल में एल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस के मरीज आधे घटे

– नॉन-अल्कोहलिक स्टीटो हेपेटाइटिस (एनएएसएस) के मरीज बढ़ रहे- ओपीडी में जांच के बाद 80 फीसदी लोग फैटी लीवर से पीड़ित मिल रहेगौतम वेदपाणि, भागलपुरआज से पांच साल पहले तक शराब पीने वाले लोगों को हेपेटाइटिस या लीवर में सूजन की बीमारी बहुतायत होती थी. मायागंज अस्पताल में नियमित रूप से एल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस के मरीज इलाज कराने आते थे. लेकिन 2016 में हुई शराबबंदी के आठ साल बाद अब शराब से डैमेज लीवर वाले मरीज आधे से भी काफी कम हुए हैं. लेकिन अंसुतलित जीवनशैली, देर रात तक जागने समेत तेल-मसाले व फास्टफूड, कोल्ड ड्रिंक, अत्यधिक मांसाहार, मिलावट वाले खानपान, प्रिजरवेटिव मिले फूड के सेवन से नॉन-अल्कोहलिक स्टीटो हेपेटाइटिस (एनएएसएस) के मरीज बढ़ रहे हैं. लीवर में सूजन के साथ वसा जमा हो रहा है. यह बात मायागंज अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) के मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अविलेष कुमार ने बतायी. प्रभात खबर से विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि मायागंज अस्पताल के ओपीडी में रोजाना 40 मरीजों के लीवर समेत पूरे पेट का अल्ट्रासाउंड होता है. इनमें से 80 फीसदी लोगों का लीवर फैटी है. इसका मुख्य कारण खानपान में गड़बड़ी है. लीवर का हेल्थ बिगड़ने के बाद मरीजों को भूख में कमी, पेट फूलना, पेट भारी, अपच, बदहजमी, एसिडिटी समेत पेट के दायें हिस्से में दर्द शुरू हो जाता है. ऐसे लक्षण मिले तो तत्काल डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिये.

सावधानी ही इलाज से बेहतर उपाय :

डॉ अविलेष ने बताया कि हर साल 28 जुलाई को पूरी दुनिया में लीवर के प्रति देखभाल व जागरूकता को लेकर विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है. 2024 का थीम है इट्स टाइम टू एक्ट. उन्होंने बताया कि बरसात के समय हेपेटाइटिस की बीमारी तेजी से बढ़ती है. हेपेटाइटिस ए और ई का मुख्य कारण दूषित भोजन या दूषित पानी है. वहीं खून में संक्रमण के कारण हेपेटाइटिस बी, सी और डी होता है. उन्होंने बताया कि लीवर को स्वस्थ रखने के लिए सावधानी ही इलाज से बेहतर उपाय है. स्वस्थ खानपान व जीवनशैली से हम अपने लीवर को स्वस्थ रख सकते हैं. अन्यथा लीवर से जुड़ी बीमारी जांडिस, हेपेटाइटिस, सोराइसिस, फैटी लीवर समेत लीवर के कैंसर से पीड़ित हो सकते हैं.

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