विश्व प्रवासी पक्षी दिवस आज, बिहार के इस जिले में हर साल एक लाख प्रवासी पक्षियों का लगता है जमावड़ा
विश्व प्रवासी पक्षी दिवस का आयोजन शनिवार को हो रहा है. प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए इसका आयोजन हर वर्ष किया जाता है. केंद्र व राज्य सरकार समेत पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी संस्थाएं प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए कई कार्यक्रम चला रहे हैं. भागलपुर व आसपास के जिले प्रवासी पक्षियों के लिए आदर्श स्थान हैं. गंगा व कोसी समेत विभिन्न पहाड़ी नदियां, तालाब, चौर व सुदूर खेत बहियार में सालों भर 80 हजार से एक लाख की संख्या में प्रवासी पक्षियों का जुटान रहता है.
गौतम वेदपाणि, भागलपुर: विश्व प्रवासी पक्षी दिवस का आयोजन शनिवार को हो रहा है. प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए इसका आयोजन हर वर्ष किया जाता है. केंद्र व राज्य सरकार समेत पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी संस्थाएं प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए कई कार्यक्रम चला रहे हैं. भागलपुर व आसपास के जिले प्रवासी पक्षियों के लिए आदर्श स्थान हैं. गंगा व कोसी समेत विभिन्न पहाड़ी नदियां, तालाब, चौर व सुदूर खेत बहियार में सालों भर 80 हजार से एक लाख की संख्या में प्रवासी पक्षियों का जुटान रहता है.
पर्यावरण व वन विभाग की मानें तो भागलपुर व आसपास के जिले में हर साल पांच लाख से अधिक प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा लगता है. खासकर सर्दियों के मौसम में बर्फबारी वाले देश से पक्षी अपने शिकार की तलाश व प्रजनन के लिए गंगा व कोसी के कछार में पहुंचते हैं. इनमें 150 से अधिक प्रवासी पक्षियों की प्रजाति शामिल होती है. जबकि पूरे बिहार में 350 से अधिक प्रजाति के पक्षी आते हैं.
इनमें क्रेन, हेरोन, बगुला, गरुड़, बतख समेत विभिन्न प्रजाति के पक्षी शामिल हैं. नमामि गंगे व भारतीय वन्यजीव संस्थान से जुड़े गंगा प्रहरी स्पेयरहेड दीपक कुमार ने बताया कोसी व पूर्व बिहार रीजन इनके लिए स्वर्ग है. इंडियन पीट्टा (नवरंग) को भागलपुर में कई दशक बाद देखा गया. विश्व प्रवासी पक्षी दिवस तथा Hindi News से जुड़ी हर अपडेट के लिए बने रहे हमारे साथ।
POSTED BY: Thakur Shaktilochan