कुछ साथियों ने मिल कर बनाया संघ और पिछले छह वर्षों से तंबाकू चबानेवालों को करवा रहे हैं कुल्ला
11 फरवरी, 2018 को अखिल जन जागृति संघ की स्थापना की और संघ के सदस्य चल पड़े सड़कों पर तंबाकू चबा रहे लोगों को ढूंढ़ कर कुल्ला करवाने. पहले से उन्हें यह पता था कि काम कठिन है. लिहाजा शुरु में लोग रुकते ही नहीं थे. रुकते, तो कुल्ला करने से कतराते. यह कह देते कि उनके चलते वह पांच रुपये का गुटखा क्यों बर्बाद करे. लेकिन संघ के सदस्य इस बात पर भी आहत नहीं हुए. अभियान को जारी रखा और इसका परिणाम दिखना शुरू हो गया.
संजीव झा, भागलपुर यह तब भी आसान नहीं था और आज भी मुश्किल ही है कि तंबाकू चबा रहे लोगों को कुल्ला करवा दें. यह भी बहुत संभव नहीं कि ऐसे लोगों से तंबाकू की लत छोड़ने का आग्रह करें और वह आसानी से तंबाकू छोड़ दें. सबसे बड़ा सवाल तो यह कि इस मुश्किल कार्यों को करने की जहमत उठाये कौन. लेकिन इस काम को करने की भागलपुर शहर के कुछ साथियों ने वर्ष 2018 में ठानी. 11 फरवरी, 2018 को अखिल जन जागृति संघ की स्थापना की और चल पड़े सड़कों पर तंबाकू चबा रहे लोगों को ढूंढ़ कर कुल्ला करवाने. पहले से उन्हें यह पता था कि काम कठिन है. लिहाजा शुरु में लोग रुकते ही नहीं थे. रुकते, तो कुल्ला करने से कतराते. यह कह देते कि उनके चलते वह पांच रुपये का गुटखा क्यों बर्बाद करे. कई लोग तो यहां तक कह देते कि गुटखा और तंबाकू की कंपनी को ही क्यों नहीं बंद करवा देते. लेकिन संघ के सदस्य इस बात पर भी आहत नहीं हुए, जब उनसे तंबाकू चबाने-चूसनेवालों ने यहां तक कह दिया कि हम अपने पैसे से खाते हैं, मेरा नुकसान होगा, इसमें आपलोगों को कष्ट क्यों हो रहा है. अभियान को जारी रखा और इसका परिणाम दिखना शुरू हो गया. कुछ लोगों को संघ के सदस्यों की बातें समझ में आने लगी. संघ के सदस्यों द्वारा लगातार कुरेदे जाने पर कई लोगों ने गुटखा, तंबाकू या अन्य नशीले पदार्थ का सेवन करना बंद किया.
अफसोस है, अधिकतर लोग इससे मुक्ति नहीं पा रहे : अध्यक्षसंघ के अध्यक्ष डॉ शिव शंकर प्रसाद पेशे से कंप्यूटर के शिक्षक हैं. वे बताते हैं कि उनलोगों ने जो अभियान चलाया है, उससे कई लोगों ने तंबाकू छोड़ दिया. लेकिन यह खुश होनेवाला आंकड़ा नहीं है. तंबाकू सेवन करनेवालों की तादाद इतनी बड़ी है कि सफलता पाने के लिए इस अभियान में समाज के हर वर्ग के लोगों का साथ जरूरी है. अधिकतर लोग चाह कर भी इस लत से मुक्ति नहीं पा रहे हैं. इसके पीछे उनके इच्छाशक्ति का अभाव है. कुल्ला अभियान की शुरुआत तत्कालीन विश्वविद्यालय थाना प्रभारी समरेंद्र कुमार ने किया था. इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर गायत्री प्रज्ञापीठ की राजयोगिनी बीके अनिता दीदी भाग ली थीं. पहला कुल्ला अभियान साहेबगंज मोहल्ला से बिंद टोली तक किया गया था.
अखिल जन जागृति संघ नशमुक्ति के लिए लगातार हर सप्ताह कुल्ला अभियान चलाता है. भागलपुर के किसी भी चौराहे पर अभियान चलाया जाता है. अभियान स्थल पर गुटखा खा रहे या सिगरेट पीते हुए पैदल चल रहे व्यक्ति व वाहन चालक को प्रेमपूर्वक रोका जाता है. उन्हें इसके आर्थिक, दैहिक और सामाजिक नुकसान के बारे में समझाया जाता है. फिर उन्हें शुद्ध पानी से कुल्ला करवाया जाता है. कुल्ला करवाने के बाद उन्हें सौंफ, मिश्री आदि खिलाया जाता है. फिर भविष्य में नहीं खाने की लिखित शपथ दिलायी जाती है. अब तक 111 अभियान चल चुका है.
अभियान में ये हैं शामिलसंरक्षक समरेंद्र कुमार, अध्यक्ष डॉ शिव शंकर प्रसाद, उपाध्य्क्ष कैवल्य चेतन, महासचिव डॉ मुकेश दुबे, सचिव मनीष कुमार सिंह, उपसचिव निरंजन कुमार व अरविंद कुमार, कोषाध्यक्ष डॉ जयप्रकश यादव और सदस्य राजीव कुमार मिश्रा, ब्रजेश कुमार आदि.
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