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जनसंख्या वृद्धि देश की विकास का सबसे बड़ा अवरोधक : सिविल सर्जन

जनसंख्या वृद्धि विकास का सबसे बड़ा अवरोधक : सिविल सर्जन

– सदर अस्पताल में विश्व जनसंख्या दिवस पर लगा स्वास्थ्य मेला, निकली जागरूकता रैली

वरीय संवाददाता, भागलपुर

जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से सदर अस्पताल में गुरुवार को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया गया. इस अवसर पर परिवार नियोजन विषय पर स्वास्थ्य मेला व जागरूकता रैली निकाली गयी. रैली को हरी झंडी दिखाकर सिविल सर्जन डॉ अशोक प्रसाद ने रवाना किया. स्वास्थ्य मेला में सिविल सर्जन ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि विकास का सबसे बड़ा अवरोधक है. भारत सरकार द्वारा जारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के अनुसार भागलपुर जिले का वर्तमान जनसंख्या दर 3.0 है, जो राज्य के औसत से कम है. इसे दो तक लाने का प्रयास जारी है, ताकि हम जनसंख्या स्थिरीकरण के लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें. जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण कर हम स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ और विश्व स्तरीय बना सकते हैं. सीएस ने इस बात का जोर देते हुए कहा कि परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने में पुरुषों को आगे आना चाहिये. पुरुष नसबंदी बहुत ही आसान साधन है.

31 जुलाई तक मनेगा जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा

जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक मणि भूषण झा ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण में दंपति, परिवार, समाज, सरकार और गैर सरकारी संस्थाओं को मिलजुल काम करना होगा. सदर अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजू कुमार ने परिवार नियोजन के लिए इंप्लांट को सफल विधि बताया. जिला सामुदायिक उत्प्रेरक भरत कुमार सिंह ने कहा कि विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा 11 से 31 जुलाई तक मनाया जायेगा. इस दौरान जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल व सदर अस्पताल में परिवार नियोजन साधनों का वितरण होगा. सभी स्वास्थ्य संस्थानों के लिए एफडीएस प्लान तैयार किया गया है. इच्छुक लाभुकों को परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी साधन मिलेंगे. जनसंख्या पखवाड़ा के दौरान आशा कार्यकर्ताओं द्वारा कम जागरूकता वाले इलाकों को परिवार नियोजन के साधनों से जोड़ा जायेगा. राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर पखवाड़ा के दौरान दैनिक प्रगति प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है.

परिवार नियोजन सबसे कारगर उपाय

जिला गुणवत्ता यकीनन सलाहकार डॉ प्रशांत कुमार ने बताया कि सभी सरकारी अस्पतालों में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर सूचीबद्ध डॉक्टरों द्वारा महिला बंध्याकरण व पुरुष नसबंदी की जा रही है. यदि किसी बंध्याकृत दंपति को अनचाहा गर्भ प्राप्त होता है, तो ऐसी अवस्था में क्षतिपूर्ति राशि का भी प्रावधान है. जिले के सहायक अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ दीनानाथ ने कहा कि परिवार नियोजन आज की तारीख में समाज परिवर्तन का सबसे कारगर उपाय है. इस अवसर पर सदर अस्पताल के प्रबंधक आशुतोष कुमार, अयाज आलम अशरफी, नवीन राय, अंजना अवस्थी, जूही कुमारी, राकेश कुमार, विजय, आजाद सोहैल, नितिन पटेल, कोमल साहू, आशीष कुमार, शांभवी आदि मौजूद थीं.

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