जिले में बढ़ रहा जनसंख्या का बोझ, कम पड़ने लगे संसाधन
जिले में बढ़ रहा जनसंख्या का बोझ, कम पड़ने लगे संसाधन
विश्व जनसंख्या दिवस पर विशेष : बिहार की तीसरी सबसे बड़ी आबादी वाला शहर बन चुका है भागलपुर
– बढ़ी आबादी से आबोहवा दुनिया में सबसे प्रदूषित रहने लगी है
गौतम वेदपाणि, भागलपुरभारत जनसंख्या के मामले में चीन को पछाड़कर दुनिया में पहले स्थान पर पहुंच गयी है. बढ़ती जनसंख्या का बोझ बिहार समेत भागलपुर जिले पर भी पड़ा है. बिहार की तीसरी सबसे बड़ी आबादी वाला शहर भागलपुर नगर निगम क्षेत्र बन चुका है. इस कारण शहर में लोगों के लिए संसाधन कम पड़ने लगे हैं. शहर की सड़कों पर भीड़ के कारण दिनभर जाम लगा रहता है. मायागंज समेत अन्य अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतार दिखती है. रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर खचाखच भीड़ रहती है. शहर में रहने के लिए जमीन, पीने के लिए पानी, बिजली की खपत कम पड़ने लगी है. आबादी की भरमार से भागलपुर की आबोहवा दुनिया में सबसे प्रदूषित रहती है. कभी शहरी क्षेत्रफल 31 वर्ग किलोमीटर था. जिसे अब स्मार्ट सिटी के तहत करीब दोगुना कर दिया गया है. हालांकि बढ़े एरिया को अभी तक विकसित नहीं किया जा सका है. बढ़ती आबादी के कारण दक्षिणी क्षेत्र की कृषि योग्य भूमि व हरियाली पर कुठाराघात हुआ है.
एक दशक में जिले की जनसंख्या नौ लाख तक बढ़ी : राज्य सरकार द्वारा 2023 में किये गये जाति आधारित जनगणना के आंकड़ा के अनुसार जिले की जनसंख्या 39 लाख 41 हजार 563 तक पहुंच गयी है. जबकि 2011 में हुई जनगणना में जिले की आबादी 30 लाख 37 हजार 766 थी. करीब एक दशक में जिले की जनसंख्या में नौ लाख तीन हजार 797 की बढ़ोतरी हुई. पूरे जिले में सबसे ज्यादा जनसंख्या भागलपुर नगर निगम क्षेत्र की है. 2023 में भागलपुर नगर निगम क्षेत्र के 51 वार्ड में 460297 लोग रहते थे. भागलपुर नगर निगम क्षेत्र बिहार का तीसरा सबसे बड़ी आबादी वाला शहर बन चुका है. नगर निगम क्षेत्र में 2021-22 में पॉपुलेशन ग्रोथ रेट 1.85 प्रतिशत, 22-23 में 1.81 प्रतिशत और 2024 में 1.98 प्रतिशत है. वर्ष के अंत तक नगर निगम क्षेत्र की जनसंख्या बढ़कर पांच लाख 15 हजार तक होने का अनुमान है.
1881 में प्रथम जनगणना 45 हजार थी जनसंख्या : टीएमबीयू के पीजी भूगोल विभाग के पूर्व एचओडी डॉ एसएन पांडेय बताते हैं कि 1881 में देश में पहली बार जनगणना हुई थी. तब यहां की आबादी 45 हजार के करीब थी. बीते 140 वर्षों में दूसरे जिले व गांवों से पलायन कर लोग शहरी क्षेत्र में बसे.
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