जिले के विभिन्न स्थानों खास कर कायस्थ बहुल क्षेत्र में रविवार को बही-खाता के देवता भगवान चित्रगुप्त जयंती का आयोजन किया जायेगा. इस अवसर पर लाेग भगवान चित्रगुप्त की पूरे आस्था व भक्ति के साथ पूजा-अर्चना करेंगे. इस दौरान कलम-दवात की पूजा भी की जायेगी. शहर के सिकंदरपुर, भीखनपुर, बड़ी खंजरपुर, शिवपुरी कॉलोनी, इशाकचक समेत अन्य स्थानों पर भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना होगी.
कायस्थ समाज के लोग सिकंदरपुर स्थित चित्रगुप्त मंदिर में श्रद्धा एवं भक्ति के साथ भगवान चित्रगुप्त की पूजा करेंगे. यहां मंदिर से जुड़े विजय सिन्हा व आशीष सिन्हा ने बताया कि चित्रगुप्त मंदिर की स्थापना वर्ष 1971 में की गयी थी. नौ साल पहले मंदिर के लिए भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा वाराणसी से लायी गयी थी.
तिलकामांझी के लालबाग में होगा महाआरती का आयोजनराढ़ी बांधव समिति के पदाधिकारी प्रणव दास ने बताया कि बड़ी खंजरपुर स्थित गुलजारी लाल पथ पर भी भक्तिपूर्ण माहौल में भगवान चित्रगुप्त की पूजा होगी. तिलकामांझ के लालबाग में भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा स्थापित कर कलम-दवात व बही-खाता की पूजा होगी, तो संध्या में महाआरती का आयोजन होगा. प्रणव दास ने बताया कि भगवान चित्रगुप्त देवलोक के लेखपाल माने जाते हैं. बही-लेखन के देवता के रूप में भगवान चित्रगुप्त सर्वमान्य हैं. मुख्य रूप से कायस्थ समाज के लोग इन्हें अपना आराध्य मानते हैं और पूजा करते हैं.
कृष्णा कलायन कला केंद्र करायेगा सांस्कृतिक संध्या का आयोजनकृष्णा कलायन कला केंद्र की ओर से चित्रगुप्त पूजा पर रविवार को संध्या पांच बजे शिव शक्ति मंदिर के समीप एक होटल सभागार में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा. उक्त जानकारी निदेशक श्वेता सुमन ने दी. उन्होंने बताया कि इस दौरान भंडारा का आयोजन होगा. मानिकपुर के सामाजिक कार्यकर्ता हरिशंकर सहाय ने बताया कि मानिकपुर दुर्गा मंदिर के समीप चित्रगुप्त मंदिर में धूमधाम से पूजा हाेगी, जबकि छत्रपति मोहल्ले, मुंदीचक में भी विधि-विधान से पूजा होगी. इसे लेकर चंदन सहाय, राजीव सिन्हा आदि लगे हैं.
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