शिव की अराधना से मिलती है शक्ति व संबल

शिव की अराधना से हममें शक्ति, संबल और सत्कार का भाव मन में जागृत होता है

By Prabhat Khabar News Desk | August 19, 2024 1:46 AM

पिछले चार दशकों से श्रावणी मेला के स्वरूप का मैं साक्षी रही हूं. उस समय आज की अपेक्षा भक्तों की भीड़ कम हुआ करती थी. वर्तमान परिप्रेक्ष्य में लोगों की आस्था काफी बढ़ी है. पहले लोग बीहड़ जगलों में जब राह भटक जाते थे, तो खुद भोले बाबा विभिन्न स्वरूपों में राह दिखा कर जंगल से बाहर करते थे. ऐसी बहुत घटनाएं भक्तों के साथ घटित हुई है. अब तो लोग हाइटेक यात्रा करने लगे हैं. विशेष सुविधाओं से युक्त कांवर यात्रा करने लगे हैं. कुछ लोग इसे पिकनिक का स्वरूप देने लगे है. शिव की अराधना से हममें शक्ति, संबल और सत्कार का भाव मन में जागृत होता है. समाज में भाईचारा का भाव व मानवता फैलती है. हमें तप और योग से परिपूर्ण पूजा का भाव समर्पण के साथ करना चाहिए. जिसका अब अभाव दिखता है.

उषा किरण साहा, रिटायर्ड शिक्षिका, सुलतानगंज.

शिव से जुड़ने का माध्यम है कांवर यात्रा

श्रावणी मेला में चार दशक पूर्व शुद्धता के साथ जलपात्र तांबा या पीतल का रहता था. वर्तमान में जल पात्र प्लास्टिक का हो गया है. कांवर फैशनेबल बनने लगा. भीड़ बढ़ने से मुकम्मल सुविधा अब स्थायी करने की जरूरत है. कांवरिया दूर दूर से आस्था के कारण सुलतानगंज पहुंचते हैं, लेकिन अब मेला का स्वरूप बदलने से भक्ति के साथ-साथ प्रदर्शन की भावना बढ़ने लगी है. आंतरिक रूप से शांति की तलाश के लिए शिव से जुड़ने का माध्यम है कांवर यात्रा. कांवर यात्रा में कई प्रकार के कार्य वर्जित है. लेकिन समय के बदलाव से वह वर्जित कार्य को भी कांवरिया कर लेते है. बाबा की शक्ति से कांवर यात्रा करने वाले को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.

गजराज जैन, अध्यक्ष, मारवाडी युवा मंच,सुलतानगंज

श्रावण-झूलनोत्सव सह रूद्राभिषेक महोत्सव आयोजित

श्रावण-झूलनोत्सव सह रूद्राभिषेक महोत्सव रविवार को तीसरे दिन भी जारी रहा. इसमें ब्रह्मचारी बाबा, पं चंद्रकांत, पं प्रेम शंकर भारती, डॉ ज्योतिंद्र चौधरी, शिव शरण पोद्दार, कुंदन बाबा, मनोरंजन प्रसाद सिंह, गीतकार राजकुमार सहित कई विद्वानों ने विषय से संबंधित उद्गार व्यक्त कर श्रोताओं को बांधे रखा. पं प्रेमशंकर भारती ने कहा कि परमात्मा की सेवा-भक्ति में जो भक्त अपने को खो देता है, परमात्मा उनकी रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं. वहीं, भजन गायक बलबीर सिंह बग्गा, सुबोध, केशव सहित कई कलाकारों ने भजन सुनाकर माहौल को भजनमय बनाये रखे. हारमोनियम पर अशोक महाराज, हरिनारायण ब्रह्मचारी, बेंजो पर केशव और तबला पर बबलू, धर्मानंद बने रहे. मौके पर रूपेश, विवेक, मधु, मिल्टन, रमण, राजेश, मनीष, धर्मेंद्र, दयानंद, सुमन आदि मौजूद थे.

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