आपका आचरण ही सबको श्रेष्ठ बनाता है : स्वामी धनंजयानन्द
आज समाज की सबसे बड़ी जरूरत श्रेष्ठ मानवों की है. आपका आचरण ही आपको श्रेष्ठ बनाता है. हर धर्म में मानवसेवा का ही संदेश दिया गया है.
आज समाज की सबसे बड़ी जरूरत श्रेष्ठ मानवों की है. आपका आचरण ही आपको श्रेष्ठ बनाता है. हर धर्म में मानवसेवा का ही संदेश दिया गया है. उसी पथ पर चलने वाले अमर हुए हैं. उक्त बातें स्वामी धनंजयानंद महाराज ने भैरोपुर चौक के पास गंगटी रोड अलीगंज भागलपुर में श्रीराम चरित मानस एवं गीता ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन गुरुवार को जीवन के सच्चे सुख की पहचान और उसे पाने का शाश्वत तरीका पर प्रवचन करते हुए कही.
बताया कि संसार में सच्चा सुख ढूंढ़ने का प्रयास करना निरर्थक है. क्योंकि जिसने भी सच्चा सुख पाया है वह संतोष सम सुख जग नाही. उसने स्वयं के भीतर उतरकर ही पाया है. स्वयं के भीतर उतरने के लिए आध्यात्मिक गुरु की जरूरत पड़ती है. इसके लिए उठो, जागो और डटकर साधना करो. ऐसी साधना करो कि तुम्हारा लक्ष्य परमात्मा खुद तुम्हारे सामने आ जाये.
साध्वी विदुषी शीतली भारती ने बताया शास्त्र और ग्रंथों का एक ही निचोड़ है कि मानव जीवन के रहते अपने जन्म को सार्थक कर लें. मानव जीवन की सार्थकता इस संसार के परम सत्य ईश्वर तत्व को प्राप्त करने से ही संभव है. साध्वी महामाया भारती, ममता भारती व उमेश भारती ने सुमधुर भजनों से माहौल को भक्तिमय बना दिया. कार्यक्रम का संचालन स्वामी सांसदानंद ने किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है