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यूथ को भा रही नजराना राखी, तो विवाहिताओं के बीच पेयर सेट की मांग

रक्षाबंधन आने में 12 दिन शेष रह गया है. बाजार में चहल-पहल बढ़ गयी है. राखी की दुकानों से लेकर गिफ्ट आदि की दुकानों की रौनक देखते ही बन रही है.

रक्षाबंधन आने में 12 दिन शेष रह गया है. बाजार में चहल-पहल बढ़ गयी है. राखी की दुकानों से लेकर गिफ्ट आदि की दुकानों की रौनक देखते ही बन रही है. बाजार में चारों तरफ राखी ही राखी नजर आ रही है. बच्चों में रंग-बिरंगी लाइट वाली राखी के साथ ही कार्टून कैरेक्टर छोटा भीम व डोरेमोन राखी का जादू छाया है, तो यूथ को अमेरिकन डायमंड वाली नजराना राखी भा रही है, विवाहिताओं के बीच पेयर सेट की डिमांड है.

राखी कारोबारियों की मानें तो भागलपुर में 40 थोक राखी कारोबारी हैं, तो 200 छोटे-बड़े कारोबारी है. थोक राखी कारोबारी डेढ़ माह में प्रतिदिन 10-10 लाख रुपये का कारोबार करते हैं. ऐसे में औसत पांच करोड़ का कारोबार केवल राखी से होने की उम्मीद है. कारोबारियों ने बताया कि यहां की राखी की मांग खगड़िया, मुंगेर, बेगूसराय, गोड्डा, धनबाद, देवघर, बांका आदि के बाजार के छोटे कारोबारी करते हें, जबकि यहां भी कोलकाता के बाजार से राखी मंगायी जाती है.

बच्चों को भा रहा कार्टून कैरेक्टर राखी

बच्चों को कार्टून कैरेक्टर, जैसे टेडी वियर, बार्बी डॉल, स्पाइडर मेन, छोटा भीम, डोरेमोन, मिक्की माउस, कृष्णा राखी पसंद है. बाजार में बच्चाें के लिए बटर फ्लाई, म्यूजिकल राखी व लाइट राखी आयी है, जिसकी मांग बढ़ती जा रही है.

300 तक की आती है नजरिया राखी, तो व्हाइट मेटल राखी 50 से 100 रुपये तक

राखी कारोबारी रितेश धर्मानी ने बताया कि इस बार भी स्टोन व ब्रेसलेट राखी की मांग कम नहीं हुई है. इसके साथ नजराना राखी नयी आयी है, जो कि जरकन वर्क के साथ आयी है. इसमें अमेरिकन डायमंड से सजायी गयी है. यह 300 रुपये तक में उपलब्ध है. स्टोन राखी 10 से 250 रुपये, बच्चों की राखी तीन से 75 रुपये, लाइट राखी 20 से 120, फैंसी राखी 10 से 100 रुपये तक, 10 से 40 व ब्रेसलेट राखी 50 से 400 रुपये तक में उपलब्ध है. चांदी की राखियां 600 रुपये से 1000 रुपये तक में बिक रही है.

पंडित जी के धागे वाली राखी का प्रचलन घटा

राखी कारोबारी मनीष कुमार ने बताया कि पहले लोगों में अपनी धार्मिक संस्कृति के प्रति अधिक लगाव होता था. आज उपभोक्तावाद की संस्कृति में लोगों को मुनाफा और नुकसान से मतलब बढ़ गया है. ऐसे में पंडित जी से कच्चे धागे बंधवाने के लिए किसी के पास समय नहीं है, वहीं पंडित जी के पास भी समय नहीं है कि थोड़े से दक्षिणा के लिए दूर-दूर तक घूम-घूमकर लोगों को राखी बांधे.

चंदन, रुद्राक्ष व स्वास्तिक राखी का रुझान

चंदन, रुद्राक्ष व स्वास्तिक राखी की मांग भी हाल के दिनों में बढ़ी है. रंग-बिरंगी मोती व मूंगा राखी भी लोगों को खूब भा रही है.

महिलाओं के लिए लुम्बा राखी का प्रचलन

महिलाओं के लिए रक्षाबंधन में लुम्बा राखी का प्रचलन है. इसमें लटकने वाला फूल रहता है. इसके अलावा छकलिया राखी का भी प्रचलन बढ़ा है. राखी पैकिंग के लिए डिजाइनर पैक 20 से 50 रुपये तक बिक रहे हैं.

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