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बहु आयामी व्यक्तित्व के धनी थे भगवती शरण मिश्र, बोले अश्विनी चौबे- पुत्रवत मानते थे मुझे

बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना में आयोजित "डॉ भगवती शरण मित्र जयंती एवं कवि सम्मेलन" में अश्विनी चौबे ने कहा कि डॉ भगवती शरण मिश्र बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी थे. सरकारी सेवा में रहने के बावजूद हिंदी और अंग्रेजी साहित्य में उनका योगदान वास्तव में अद्भुत और अतुल्य है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 27, 2022 5:06 PM

पटना. केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि डॉ भगवती शरण मिश्र बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी थे. सरकारी सेवा में रहने के बावजूद हिंदी और अंग्रेजी साहित्य में उनका योगदान वास्तव में अद्भुत और अतुल्य है. बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना में आयोजित “डॉ भगवती शरण मित्र जयंती एवं कवि सम्मेलन” कार्यक्रम उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने ये बातें कहीं. 

एक व्यक्ति नहीं संस्था थे

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने संबोधन में कहा कि डॉ भगवती शरण मित्र एक व्यक्ति नहीं संस्था थे. भारतीय प्रशासनिक सेवा में रहने के बावजूद साहित्य के प्रति उनकी रुचि और रुचि और योगदान अद्भुत रहा. वे उच्च कोटि के विद्वान, मनीषी और साहित्यकार थे. हिंदी साहित्य की ऐसी कोई विधा नहीं है, जिसमें उनका योगदान न हो.

अंग्रेजी साहित्य में भी अमिट छाप छोड़ी

हिंदी के साथ ही उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में भी अमिट छाप छोड़ी. उनके विद्वता और संस्कार का असर उनके तीनों पुत्रियों पर भी पड़ा, जो आज संयुक्त राष्ट्र संघ तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में कमकर देश का नाम ऊंचा कर रहे हैं. मुझे वह पुत्रवत मानते थे. आज उनके प्रथम पुण्यतिथि पर मेरे साथ यहां उपस्थित सभी लोग उनको अश्रुपूरित आंखों से श्रद्धांजलि देते हुए याद कर रहे है.

ये लोग थे उपस्थित

कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के साथ मुख्य अतिथि के तौर पर पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजय कुमार, अति विशिष्ट अतिथि के तौर पर उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद और विशिष्ट अतिथियों के रूप में महावीर मंदिर न्यास के सचिव किशोर कुणाल, हिंदी प्रगति समिति के अध्यक्ष सत्यनारायण, वरिष्ठ कवि भगवती प्रसाद द्विवेदी, बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के प्रधानमंत्री डॉ शिववंश पांडेय, उपाध्यक्ष डॉ शंकर प्रसाद और कार्यक्रम संयोजिका उषा मिश्र (संयुक्त राष्ट्र संघ के वरिष्ठ सलाहकार) ने भी भाग लेकर डॉ भगवती शरण मिश्र के व्यक्तित्व और कृतित्व पर अपने संबोधन में प्रकाश डाला.

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