बिहार के 4 सपूतों को मिल चुका है भारत रत्न सम्मान, कर्पूरी ठाकुर बने 5वें विभूति, जानिए सबके बारे में..
बिहार के 4 सपूतों को पूर्व में भारत रत्न सम्मान से नवाजा जा चुका है. कर्पूरी ठाकुर पांचवे विभूति बने हैं. केंद्र सरकार ने कर्पूरी ठाकुर की जयंती से एक दिन पहले उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया है. जानिए कुल 5 लोगों के बारे में...
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा केंद्र सरकार ने कर दी है. यह भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है और कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत यह सम्मान देने की घोषणा केंद्र सरकार ने जननायक के 100वें जन्म जयंती के ठीक एक दिन पहले मंगलवार 23 जनवरी को की है. कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के केंद्र सरकार के फैसले से पूर्व सीएम के परिजनों समेत पूरे बिहार में खुशी की लहर है. अबतक 49 विभूतियों को यह सम्मान मिल चुका है और इनमें पांच सपूत बिहार के हैं. स्व. कर्पूरी ठाकुर से पहले बिहार के 4 सपूताें को यह सम्मान मिल चुका है.
स्व. कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकप्रिय नेता रहे स्व. कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान देने की घोषणा केंद्र सरकार ने की है. सामाजिक न्याय और पिछड़ों के कल्याण के लिए विशेष तौर पर कर्पूरी ठाकुर ने प्रयास किए. इसके लिए मजबूत नीतियां बनाईं. उन्होंने राजनीति को सामाजिक बदलाव का औजार माना. दो बार सूबे के मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर की सादगी की मिशाल आज भी दी जाती है. बड़े पदों पर रहते हुए भी वो कभी पैसों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिए. एक झोपड़ी ही उनकी अमानत थीं. सीएम की पत्नी एक झोपड़ीनुमा घर में रहती थीं. वहीं अब 23 जनवरी 2024 को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न देने की घोषणा की है. बता दें कि उनका जन्म समस्तीपुर जिले में हुआ था.
प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को भी भारत रत्न मिला
भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को भी भारत रत्न का सम्मान मिल चुका है. राजेंद्र बाबू ने स्वतंत्रता संग्रमा में भाग लेकर देश की आजादी में अहम भूमिका निभाई थी. संविधान के निर्माण में भी उनकी बड़ी भूमिका रही. भारत के पहले मंत्रिमंडल में उन्होंने मंत्रालय की भी कमान थामी. राजेन्द्र प्रसाद का जन्म 3 दिसम्बर 1884 को बिहार के तत्कालीन सारण जिले के जीरादेई गांव में हुआ था. जीरादेई अब सीवान जिले में है. 1962 में राजेंद्र प्रसाद को भारत रत्न सम्मान मिला. बता दें कि राजेंद्र प्रसाद की समाधि स्थल पटना में ही है.
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शहनाई वादक विस्मिल्ला खां को भी भारत रत्न सम्मान
मशहूर शहनाई वादक विस्मिल्ला खां को भी भारत रत्न सम्मान मिल चुका है. आजादी की सुबह का स्वागत उन्होंने राग काफी बजाकर किया था. विस्मिल्ला खां का जन्म 1916 में बिहार के बक्सर जिले के डुमरांव में हुआ था. हालांकि उनकी कर्मभूमि बनारस रही. 2001 में भारत रत्न के सम्मान से वो नवाजे गए थे.
जयप्रकाश नारायण को भी भारत रत्न
लोकनायक जयप्रकाश नारायण को भी भारत रत्न का सम्मान मिल चुका है. देश की स्वतंत्रता के लिए उन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन में हिस्सा लिया था. आजादी के बाद 1977 में भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं के आंदोलन का उन्होंने नेतृत्व किया था. संपूर्ण क्रांति का नेतृत्व जेपी ने किया और उन्हें 1999 में भारत रत्न सम्मान से नवाजा गया था.
डॉ वीसी राय को मिला सम्मान
पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे डां विधानचंद्र राय को ही आधुनिक बंगाल का निर्माता माना जाता है. उनकी याद में हर साल 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाया जाता है. 1961 में उन्हें भारत रत्न दिया गया. डॉ वीसी राय का जन्म बिहार में ही हुआ था. डॉ. राजेंद्र प्रसाद से एक साल पहले 1961 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. डां विधानचंद्र राय का जन्म एक जुलाई 1882 में पटना में हुआ था.
भारत रत्न सम्मान को जानिए..
भारत रत्न सम्मान भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. अबतक 49 विभूतियों को यह सम्मान दिया गया है. यह सम्मान सेवा,कला,साहित्य,विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को मिलता है. देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने इस सम्मान की शुरुआत की थी. 1955 में मरणोपरांत भी यह सम्मान देने का प्रावधान बना. सम्मान के अंतर्गत राष्ट्रपति के द्वारा हस्ताक्षर किया गया प्रमाण पत्र व एक पदक दिया जाता है. प्रधानमंत्री पात्र लोगों का नाम प्रस्तावित करते हैं. हर 26 जनवरी को यह सम्मान दिया जाता है.