राजीव झा, सुपौल
बिहार में मधुबनी जिले के भेजा से सुपौल जिले के बकौर (Bheja To Bakaur Bridge) के बीच कोसी नदी के ऊपर देश का सबसे लंबा 10.2 किमी सड़क पुल के साथ 03.01 किमी का पहुंच पथ का कार्य दिसम्बर 2024 तक पूरा कर लिया जायेगा. भारत के इस सबसे लंबे पुल का निर्माण भारतमाला परियोजना के तहत पैकेज चार कोसी पुल व पहुंच पथ का निर्माण युद्ध स्तर पर जारी है. इस पुल के निर्माण के बाद सुपौल से मधुबनी की दूरी 30 किलोमीटर कम हो जाएगी.
इस परियोजना की कुल लागत 1199.58 करोड़ रुपये है, जिसमें 1101.99 करोड़ रुपये का सिविल कार्य शामिल है. यह परियोजना निर्माण एजेंसियों मेसर्स गैमन इंजीनियर्स एंड कॉन्ट्रैक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड और ट्रांसरेल लाइटिंग प्राइवेट लिमिटेड (जॉइंट वेंचर) द्वारा क्रियान्वित की जा रही है. वर्तमान में परियोजना का 54.89 प्रतिशत कार्य पूरा किया जा चुका है. बांकी काम दिसंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है. इस परियोजना के अंतर्गत कुल 03 पुल भी बनाये जा रहे हैं. 10.02 किमी लंबे इस पुल के 171 पिलर में से 166 का निर्माण पूरा हो चुका है और 170 में से 31 स्पैन पर काम पूरा कर लिया गया है. इसके अलावा 60-60 मीटर के दो अन्य पुल भी हैं, जिनका कार्य प्रगति पर है.
इस परियोजना के अंतर्गत 02 बड़े-बड़े अंडरपास है, जिसमें एक अंडरपास का कार्य प्रगति पर है. इस परियोजना के अंतर्गत 04 पुलिया हैं, जिनमें दो पुलिया का कार्य प्रगति पर है. इस परियोजना के अंतर्गत 01 टोल प्लाजा भी है. साथ ही परियोजना के अंतर्गत 10.2 किमी लंबे पुल पर 06 बस पड़ाव का प्रावधान है. पुल के निर्माण से सुपौल-मधुबनी की दूरी हो कम हो जायेगी. इसके निर्माण के बाद सुपौल से मधुबनी की दूरी 30 किलोमीटर कम हो जाएगी. अभी लोगों को मधुबनी जाने के लिए 100 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है, जो घटकर सिर्फ 70 किमी हो जाएगी.
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दरअसल कोसी नदी हमेशा ही अपनी धारा बदलती रहती है. इस नदी की दोनों धाराओं के बीच काफी ज्यादा दूरी है. बाढ़ के समय ये दूरी और ज्यादा बढ़ जाती है. इसी वजह से इस पुल का निर्माण किया जा रहा है. इसके सिर को दोनों तरफ बने तटबंध (पूर्वी और पश्चिमी) से सीधे जोड़ा जा रहा है. बाढ़ के वक्त इसकी पाट और चौड़ी हो जाती है. ऐसे में सुपौल जिले के बकौर से मधुबनी जिले के भेजा के बीच देश के सबसे लंबा सड़क पुल का निर्माण किया जा रहा है.
कोसी नदी पर बन रहे इस पुल में कुल 171 पिलर बनाये जाने हैं. इनमें 166 का निर्माण पूरा हो चुका है. बकौर की ओर से 2.1 किलोमीटर और भेजा की तरफ से एक किलोमीटर एप्रोच रोड भी बनाया जाएगा. एप्रोच रोड मिलाकर पुल की लंबाई 13.3 किलोमीटर हो जाएगी. भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत मधुबनी के उमगांव से महिषी तारापीठ (सहरसा) के बीच बन रहे फोरलेन सड़क के एलाइनमेंट में यह पुल बन रहा है.
कोसी नदी पर बन रहे इस पुल को दो एजेंसियां मिलकर कर रही हैं. इसमें गैमन इंडिया और ट्रांस रेल लाइटिंग प्राइवेट लिमिटेड शामिल है. इस पुल का निर्माण भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है. यह प्रोजेक्ट 5 पैकेजों में बन रहा है, इन्हीं में से एक पैकेज में इस पुल का निर्माण शामिल है. सामरिक दृष्टिकोण से भी यह पुल बहुत अहम है. नेपाल, बांग्लादेश और भूटान के साथ उत्तर-पूर्व के राज्य इससे जुड़ जाएंगे. बागडोगरा एयरपोर्ट पर भी आने-जाने में काफी आसानी होगी. दो लेन पुल एनएच 527 ए पर मधुबनी के भेजा और सुपौल के बकौर के बीच करीब 13.3 किमी की लंबाई में इस पुल का निर्माण हो रहा है.