भोजपुर के डीएम ने किया ‘हेड ऑफ द क्रिमिनल एडमिनिट्रेशन’ की शक्ति का प्रयोग, पुलिस मुख्यालय में खलबली
भोजपुर के डीएम ने माना है कि जिले में अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं. आमजनों में भय और असुरक्षा का माहौल बनता जा रहा है. पुलिस और प्रशासन के अधिकारी अपने दायित्वों का सही ढ़ंग से निर्वहन नहीं कर रहे हैं. डीएम राजकुमार के एसडीओ और एसडीपीओ के नाम जारी इस पत्र से पुलिस-प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गयी है.
पटना. भोजपुर के डीएम ने माना है कि जिले में अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं. आमजनों में भय और असुरक्षा का माहौल बनता जा रहा है. पुलिस और प्रशासन के अधिकारी अपने दायित्वों का सही ढ़ंग से निर्वहन नहीं कर रहे हैं. डीएम राजकुमार के एसडीओ और एसडीपीओ के नाम जारी इस पत्र से पुलिस-प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गयी है. भोजपुर में पिछले 12 दिनों में हत्या की 10 घटनाएं हुई हैं. डीएम ने लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कड़ी चेतावनी भी दी है.
अरसे बाद इस शक्ति का हुआ इस्तेमाल
इधर, पुलिस मुख्यालय में एडीजी मुख्यालय ने भोजपुर के डीएम के पत्र पर कहा कि जिले में पुलिस लगातार सक्रिय है और कार्रवाई की जा रही है. वहीं बिहार में अरसे बाद किसी आइएएस ने डीएम को ‘हेड ऑफ द क्रिमिनल एडमिनिट्रेशन’ के तहत मिली शक्ति का इस्तेमाल किया है. इससे पुलिस मुख्यालय अवाक है. कुछ आइपीएस अफसर इसे पुलिस के कार्यक्षेत्र में नौकरशाही की ‘घुसपैठ’ के रूप में भी देख रहे हैं.
डीएम ने अधिकारियों को दिया फील्ड में निकलने का फरमान
जिले में अपराध बढ़ने पर भोजपुर के डीएम राजकुमार ने जिले के सभी अनुमंडल के मजिस्ट्रेट- पुलिस पदाधिकारियों को फील्ड में निकलने का फरमान दिया है. क्राइम कंट्रोल करने का तरीका सुझाते हुए विधि व्यवस्था में असफल हाेने वाले मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकाारियों पर कार्रवाई की बात कही है. डीएम राजकुमार ने शनिवार को 12 नवंबर को पत्र जारी किया था.
डीआइजी क्षत्रनील सिंह शनिवार की रात आरा पहुंचे
क्राइम कंट्रोल के लिए डीएम द्वारा पुलिस पदाधिकारियों को पत्र लिखा है यह जानकारी जब पुलिस महकमा को हुई तो सभी सक्रिय हो गये. डीआइजी क्षत्रनील सिंह शनिवार की रात आरा पहुंचे और एसपी सहित जिला वरीय पुलिस पदाधिकारियों को दिशा- निर्देश दिये. अपराधियों को पकड़ने के लिए टिप्स दिये. नगर थाना के थानेदार को निलंबित कर दिया.
एसडीओ भी अब पुलिस को करेंगे निर्देश
‘हेड ऑफ द क्रिमिनल एडमिनिट्रेशन’ की पॉवर का खुद ही इस्तेमाल नहीं किया गया है, एसडीओ को भी बताया दिया है कि वह भी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं. अपराध पर अंकुश लगे, इसके लिए एसडीओ को भी सक्रिय होना होगा. आठ सूत्रीय दिशा- निर्देश देते हुए आदेश में दो टूक लिखा है कि विधि–व्यवस्था से जुड़े प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारियों द्वारा अपने दायित्व का सही ढंग से निर्वहन नहीं किया जा रहा है. आदेश दिया है कि उनके (एसडीओ- एसडीपीओ) द्वारा थाना प्रभारी को निर्देशित किया जाये कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में आपराधिक घटनाओं को रोकें.
आइएएस, आइपीएस लॉबी में हो चुका है टकराव
देशभर में यह परिपाटी है कि जिले की क्राइम मीटिंग पुलिस कप्तान यानि एसपी- एसएसपी करते हैं. दिसंबर 2017 में उत्तर प्रदेश में एक जिले के डीएम ने ‘हेड ऑफ द क्रिमिनल एडमिनिट्रेशन’ की शक्ति का इस्तेमाल कर क्राइम मीटिंग की अध्यक्षता की थी. इस पर आइपीएस एसो ने आपात बैठक बुलायी थी. भोजपुर डीएम के पत्र के बाद पुलिस मुख्यालय में खलबली है.
मुख्यालय ने कहा- पुलिस सक्रिय
डीएम भोजपुर द्वारा सदर आरा, पीरो एवं जगदीशपुर के अनुमंडल पदाधिकारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को पत्र लिखने के सवाल पर एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह ने चौंकते हुए इतना ही कहा कि ठीक है. मैं देख लेता हूं. हालांकि भोजपुर के सदर्भमें यह जरूर बताया कि पुलिस लगातार सक्रिय है. भोजपुर में अपराध की रोकथाम के प्रयास के लिए पुलिस द्वारा की गयी कार्रवाई की सिलसिले वार जानकारी दी.