सासाराम-आरा रेलखंड का होगा विद्युतीकरण

आरा : पूर्व मध्य रेलवे के मुगलसराय डिवीजन के तहत आनेवाले आरा-सासाराम रेलखंड का विद्युतीकरण किया जायेगा. इस रेलखंड पर अब इलेक्ट्रिक ट्रेनें दौड़ेंगी. इस कार्य को पूरा करने के लिए रेलवे ने 76.21 करोड़ रुपये की राशि भी जारी कर दी है. वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में इस राशि को देने की घोषणा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 14, 2017 3:37 AM

आरा : पूर्व मध्य रेलवे के मुगलसराय डिवीजन के तहत आनेवाले आरा-सासाराम रेलखंड का विद्युतीकरण किया जायेगा. इस रेलखंड पर अब इलेक्ट्रिक ट्रेनें दौड़ेंगी. इस कार्य को पूरा करने के लिए रेलवे ने 76.21 करोड़ रुपये की राशि भी जारी कर दी है. वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में इस राशि को देने की घोषणा रेलवे द्वारा की गयी है.

अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो आनेवाले दिनों में इस रूट पर इलेक्ट्रिक ट्रेनें फर्राटा भरेंगी. इससे यात्रियों को समय की काफी बचत होगी. वहीं बार-बार इंजन बदलने की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा. रेलवे की आधारभूत संरचना को बेहतर करने की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है. इसी के तहत इस रूट का विद्युतीकरण किया जा रहा है. इस रूट को दोहरीकरण करने की मांग भी लोगों द्वारा की जा रही है. रेल अधिकारियों का कहना है कि आनेवाले दिनों में दोहरीकरण का कार्य भी किया जायेगा. इससे ट्रेनों के परिचालन में सुविधा होगी.

रेलवे ने 76.21 करोड़ रुपये जारी किये
ट्रेनों की बढ़ेगी रफ्तार, यात्रियों को मिलेगी राहत
सत्र 2017-18 के बजट के तहत रेलखंड का किया जायेगा विकास
दो घंटे तक के समय की होगी बचत
आरा-सासाराम रेलखंड पर एक एक्सप्रेस सहित कुल चार जोड़ी ट्रेनें चलती हैं. इस सेक्शन की कुल लंबाई 97 किलोमीटर है. इस दूरी को तय करने में पैसेंजर ट्रेन को साढ़े तीन से चार घंटे तक लग जाते हैं. वहीं, एकमात्र पटना-भभुआ इंटरसिटी को इस दूरी को तय करने में करीब ढाई घंटे लग जाते हैं. विद्युतीकरण का कार्य पूरा होने के बाद से दो घंटे में पैसेंजर ट्रेनें आराम से सासाराम से आरा पहुंच जायेंगी. वहीं, डीजल के लिए दानापुर व मुगलसराय स्टेशन जाने की समस्या से भी निजात मिलेगी.
शीघ्र चलेगी एक डेमू पैसेंजर
सासाराम-आरा रेलखंड पर जल्द ही एक डेमू पैसेंजर का परिचालन शुरू किया जायेगा. डीजल से चलने वाली इस ट्रेन के दोनों तरफ इंजन लगे रहेंगे, जिससे की इंजन बदलने की समस्या से छुटकारा मिलेगी. फिलहाल इस रूट पर चलने वाली सभी पैसेंजर ट्रेन डीएमयू हैं. इसके कारण इंजन बदलने में आधे से एक घंटे तक का समय लग जाता है, क्योंकि लगातार ट्रेनों के रहने की वजह से मार्जिंग नहीं मिल पाती है.

Next Article

Exit mobile version