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आरा : सदर अस्पताल के स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट का एसी सात दिनों से खराब, दो दिनों में छह शिशुओं की मौत, हंगामा

मंगलेश तिवारी आरा : सदर अस्पताल के विशेष नवजात शिशु इकाई (एसएनसीयू) में अधिकारियों व चिकित्सकों की लापरवाही के कारण दो दिनों में छह शिशुओं की मौत हो चुकी है. बताया जा रहा है कि यहां सात दिनों से एसी खराब पड़ा है. इस दौरान दो दिनों में आधा दर्जन शिशुओं की मौत होने के […]

मंगलेश तिवारी

आरा : सदर अस्पताल के विशेष नवजात शिशु इकाई (एसएनसीयू) में अधिकारियों व चिकित्सकों की लापरवाही के कारण दो दिनों में छह शिशुओं की मौत हो चुकी है. बताया जा रहा है कि यहां सात दिनों से एसी खराब पड़ा है. इस दौरान दो दिनों में आधा दर्जन शिशुओं की मौत होने के बावजूद चिकित्सक बेफिक्र रहे. आरोप है कि ड्यूटी पर तैनात कर्मी ने हंगामा करने पर परिजनों को विभाग से बाहर कर दिया. इस पर सभी रात भर अस्पताल के बाहर पड़े रहे. इस दौरान किसी भी वरिष्ठ चिकित्सक ने विभाग के हालात जानने की जरूरत नहीं समझी. सोमवार की सुबह जब मामला गरमाने लगा, तो आनन-फानन में बच्चों की मौत संबंधी फाइलें तैयार की जाने लगीं. किस्मत को कोसते हुए परिजन बिना किसी शिकायत के बच्चों को ले गये.

अधिकारियों को पहले से थी एसी के खराब होने की सूचना

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक, सरकारी अस्पतालों में निर्बाध बिजली आपूर्ति के आदेश हैं. इसी व्यवस्था के तहत सदर अस्पताल का स्पेशल फीडर भी है. इससे यहां बिजली की आपूर्ति होती है. अंदरूनी गड़बड़ी होने या विशेष कारण से ही यहां बिजली कटौती की जाती है. सोमवार रात शहर के कई हिस्सों में बिजली की बड़ी कटौती हुई थी. सदर अस्पताल में भी रात तकरीबन 10.30 बजे बिजली की आपूर्ति बंद हो गयी थी. अस्पताल में भरती नवजातों के परिजनों का कहना है कि काफी देर तक बिजली नहीं आयी, तो उन्होंने कर्मचारियों को सूचना दी. लेकिन रात में कार्यरत कर्मी ने अनसुना कर दिया. कई दिनों से एसी खराब है. इसकी सूचना अस्पताल उपाधीक्षक को भी है. अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सतीश कुमार सिन्हा ने भी स्वीकार किया है कि एक सप्ताह से एसी खराब पड़ा है.

गर्मी से कराहते रहे नवजात

एक मरीज के परिजन ने बताया कि एसी खराब रहने से पंखा चल रहा था. लेकिन, रात को अचानक बिजली चली गयी. अस्पताल के कर्मी ने काफी देर बाद जेनरेटर चलाया. इस कारण तीन घंटे से भी अधिक समय तक विशेष नवजात शिशु इकाई में अंधेरा रहा. सभी परिजन एक-एक कर बाहर आ गये. बिजली चली जाने के बाद वेंटीलेटर भी बंद हो गये थे. वेंटीलेटर पर रात में छह से सात नवजात थे. सभी कराहते रहे.

अस्पताल कर्मियों ने की परिजनों से अभद्रता

अस्पताल में भरती नवजात के परिजनों ने आरोप लगाया है कि कर्मियों ने काफी देर बाद बच्चों की मौत होने की जानकारी दी, तो उन्होंने हंगामा किया. इस पर कर्मियों ने उनसे अभद्रता की. सुबह होने पर दो नवजातों के परिजन बिना किसी शिकायत किये शव लेकर वहां से चले गये.

वरिष्ठ चिकित्सकों ने नहीं ली सुधी

दो दिनों में छह नवजातों की मौत होने की जानकारी से वरिष्ठ डॉक्टर सुबह तक अनजान रहे. जब मामला गरमाया, तो अस्पताल के उपाधीक्षक सतीश कुमार सिन्हा सहित अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों विशेष नवजात शिशु इकाई पहुंच कर मामले की जानकारी ली. इसके बाद बच्चों के इलाज संबंधी फाइलें खंगाल कर उन्हें पूरा किया गया.अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सतीश कुमार सिन्हा ने भी स्वीकार किया है कि एक सप्ताह से एसी खराब पड़ा है.

समाजसेवियों के हंगामे पर टूटी नींद

अस्पताल में एसी खराब होने से नवजात की मौत के बाद परिजन आक्रोशित हो उठे. इसके बाद सूचना पाकर कई सामाजिक कार्यकर्ता अस्पताल पहुंच गये. भाकपा माले नेता गोपाल प्रसाद के नेतृत्व में जमकर हंगामा हुआ. मौके पर पहुंचे डीएस ने स्वीकार किया कि छह शिशुओं की मौत हुई है. लेकिन, इसका कारण किसी अन्य बीमारी का होना बता रहे हैं.

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