सड़क पर लगा दी क्लास

आक्रोश. स्कूल में नहीं मिली सुविधाएं तो छात्रों का फूटा गुस्सा पवना बाजार के समीप सड़क पर लगाया स्कूल अगिआंव : सरकारी स्कूलों की खराब स्थिति से खफा 10 स्कूलों के छह सौ छात्रों ने अभिभावकों के साथ मंगलवार की सुबह आरा-अरवल मार्ग पर ही पढ़ाई करने लगे. इसके कारण सड़क जाम हो गया. इनौस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 26, 2017 5:02 AM

आक्रोश. स्कूल में नहीं मिली सुविधाएं तो छात्रों का फूटा गुस्सा

पवना बाजार के समीप सड़क पर लगाया स्कूल
अगिआंव : सरकारी स्कूलों की खराब स्थिति से खफा 10 स्कूलों के छह सौ छात्रों ने अभिभावकों के साथ मंगलवार की सुबह आरा-अरवल मार्ग पर ही पढ़ाई करने लगे. इसके कारण सड़क जाम हो गया. इनौस और आइसा के नेतृत्व में भोजपुर जिला अंतर्गत पवना, खोपिरा, खनेट, नरवनी तथा अन्य गांव के सैकड़ों छात्र- नौजवान और अभिभावकों ने बरसात व खेती-किसानी के मौसम में आरा- अरवल मुख्य मार्ग पर पवना बाजार के सड़क पर ही विधिवत स्कूल लगाया. सड़क पर घंटी लगी और प्रार्थना से क्लास की शुरुआत हुई. इसके बाद बच्चों को पढ़ाने का काम किया गया. सभी विषय के साथ-साथ सांस्कृतिक विषय का भी क्लास चला, जिसमें संगीत का कार्यक्रम हुआ. इसके बाद उपस्थित छात्र-छात्राओं ने शपथ ली कि हम अपने स्कूल में बेहतर पढ़ाई, गुणावतापूर्ण शिक्षा,
अपने भविष्य और अपने सपनों के लिए छात्र-छात्राओं की एकता बना कर संघर्ष करेंगे. इस दौरान बच्चों ने अपने घर से लाया हुआ खाना भी खाया. इस अवसर पर शिवप्रकाश रंजन, रघुवर पासवान, सबीर, चंदन कुमार, संदीप कुमार, रंजन कुमार,अभिषेक कुमार सुधीर कुमार, धीरेंद्र कुमार, जसम के कलाकार राजू रंजन, इनौस नेता संजय राम, भूषण यादव, ममता कुमारी, मनीषा कुमारी, पप्पू मौर्य, अमन कुमार सिंह, मुस्कान आदि उपस्थित थे.
तख्तियों में मांग लिखकर नारे लगा रहे थे छात्र : बच्चों के हाथों में मांगों के समर्थन में लिखे हुए नारों की तख्तियां थीं. बच्चे और उनके अभिभावक मांगों के समर्थन में नारे लगा रहे थे. वक्ताओं ने कहा कि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है. वहीं बुनियादी सुविधाओं का भी घोर अभाव है, जिससे छात्रों को परेशानी उठानी पड़ती है. यही नहीं नरौनी प्राथमिक विद्यालय में एक साल से पढ़ाई नहीं हो रही है. खोपिरा मध्य विद्यालय में क्लास रूम की कमी और झुरा मुसहरी के प्राथमिक विद्यालय में वर्ग भवन नहीं होने के कारण पांच वर्षों से पढ़ाई बाधित है. वहीं किसी स्कूल में बच्चों को अब तक नहीं किताब
नहीं मिल पायी है.

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