गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा जनकपुरिया

बिहार सरकार की जमीन पर कब्जे को लेकर दो पक्षों के बीच गरजीं बंदूकें दोनों पक्षों की ओर से आठ लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार आरा/सहार : चौरी थाना क्षेत्र के जनकपुरिया गांव में गुरुवार की देर रात सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर दो पक्षों के बीच जम कर गोलीबारी की घटना हुई. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2017 3:57 AM

बिहार सरकार की जमीन पर कब्जे को लेकर दो पक्षों के बीच गरजीं बंदूकें

दोनों पक्षों की ओर से आठ लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
आरा/सहार : चौरी थाना क्षेत्र के जनकपुरिया गांव में गुरुवार की देर रात सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर दो पक्षों के बीच जम कर गोलीबारी की घटना हुई. हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ. घटना के बाद गांव में तनाव हो गया है. दोनों पक्षों की ओर से जम कर गोलियां चलायी गयीं, जिसके बाद गोलियों की तड़तड़ाहट से जनपुरिया गांव गूंज उठा. आस-पास के इलाकों में इस घटना को लेकर 20 वर्षों की याद ताजा हो गयी. अति संवेदनशील इलाका गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्रा गया. घटना की सूचना मिलते ही चौरी थाना पुलिस मौके पर पहुंच गयी और इस मामले में दोषी दोनों पक्षों के लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. शुक्रवार को पूछताछ के बाद दोनों पक्षों के लोगों को जेल भेज दिया गया.
थानाध्यक्ष धर्म प्रकाश ने बताया कि गत रात्रि लगभग नौ बजे के करीब दोनों पक्षों के बीच में आपसी वर्चस्व को लेकर 10 से 15 राउंड गोली चलायी गयी है. इस मामले में दोनों पक्ष की ओर से दो दर्जन लोगों को नामजद किया गया है, जिसमें एक पक्ष से सत्येंद्र सिंह, शत्रुघ्न सिंह, गुड्डू सिंह एवं दूसरे पक्ष से पिंटू सिंह, हरेंद्र सिंह, मनोज सिंह, सरोज सिंह एवं हरिकिशुन सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.
पूर्व से चला आ रहा है भूमि विवाद
प्रशासन द्वारा विवादित जमीन को लेकर कार्रवाई नहीं किये जाने का प्रतिफल यह है कि बार- बार उक्त जमीन को लेकर विवाद उपज जाता है. यही कारण है कि बार-बार इस गांव में बिहार सरकार की जमीन को लेकर गोलियां चलती है. सूत्रों के अनुसार उक्त जमीन को लेकर कई बार थाने से लेकर प्रखंड स्तर तक आवेदन दिया गया. परंतु जिला प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी. गुरुवार की देर रात घटी घटना भी प्रशासनिक कार्रवाई नहीं करने की देन है. पुलिस घटना के बाद प्राथमिकी दर्ज करते हुए लोगों को जेल तो भेज देती है लेकिन स्थायी समाधान नहीं होने के कारण विवाद पुन: उत्पन्न हो जाता है.

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