ईदगाहों व मस्जिदों में पढ़ी जायेगी नमाज

आरा : बकरीद की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को नमाज पढ़ने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ा था. बाजार पूरी तरह से गुलजार रहे. ईद-उल-अजहा, जिसे बकरीद कहा जाता है को लेकर जिले भर में माहौल खुशी का है. बकरीद अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहने का सबक सिखाती है. बहरहाल, शनिवार को मनाये जानेवाली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2017 6:16 AM

आरा : बकरीद की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को नमाज पढ़ने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ा था. बाजार पूरी तरह से गुलजार रहे. ईद-उल-अजहा, जिसे बकरीद कहा जाता है को लेकर जिले भर में माहौल खुशी का है. बकरीद अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहने का सबक सिखाती है. बहरहाल, शनिवार को मनाये जानेवाली बकरीद को लेकर नगर सहित जिले के मुस्लिम बहुल बस्तियों में तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं. लोगों में जश्न जैसा माहौल कायम है. ईदगाह एवं मस्जिदों की साफ-सफाई की जा रही है. बाजारों में त्योहार को लेकर कपड़े, जूते-चप्पल, शृंगार सहित सेवई की दुकानों में काफी भीड़ देखी गयी.

महंगाई के बाद भी खूब बिके बकरे : कुर्बानी के रूप में मनाये जानेवाले इस त्योहार में बकरों की अहमियत काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. ऐसे में बकरों की खरीदारी काफी तेज रही. गत वर्ष की तुलना में इस साल बकरों की कीमतों में वृद्धि देखने को मिली. बावजूद, लोगों की आस्था मंहगाई पर भारी पड़ी. कुर्बानी के लिए बकरों के प्रति लोगों में कुछ ज्यादा ही आकर्षण रहता है. जगदीशपुर, पीरो, भागलपुर,रानी सागर सहित जिले में बकरों की काफी बिक्री हुई.
तीन हिस्सों में बांटा जाता है गोश्त : बकरीद के दिन गरीबों व मजलूमों का खास ख्याल रखा जाता है. इस्लाम के रिवाज के अनुसार कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों मे मुस्लिम ऐसा करके इस बात का पैगाम देते हैं कि अपने दिल के करीब चीज को भी हम दूसरों की बेहतरी के लिए कुर्बान कर देते हैं. इस्लाम धर्म में कुर्बानी देने की परंपरा सदियों पुरानी है.

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