सुविधाओं से वंचित हैं महादलित परिवार

टूटी सड़क, बजबजाती नालियों की दुर्गंध व कूड़े के बीच रहने को लोग विवश बस्ती में बुनियादी शिक्षा व मूलभूत सुविधा नहीं कोइलवर : स्वच्छ भारत के सपने देखे जा रहे हैं, लेकिन महादलित टोला में आज भी स्थिति जस-की- तस बनी हुई है और चारों ओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है़ स्वच्छता का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 4, 2017 9:57 AM
टूटी सड़क, बजबजाती नालियों की दुर्गंध व कूड़े के बीच रहने को लोग विवश
बस्ती में बुनियादी शिक्षा व मूलभूत सुविधा नहीं
कोइलवर : स्वच्छ भारत के सपने देखे जा रहे हैं, लेकिन महादलित टोला में आज भी स्थिति जस-की- तस बनी हुई है और चारों ओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है़ स्वच्छता का पाठ पढ़ाने के लिए सरकारी स्तर से लेकर जिले में काम करनेवाले एनजीओ भी अपना ध्यान इधर नहीं खिंचना चाहते हैं, जिससे आज भी ऐसे टोले के लोग गंदगी के बीच में जीवन बसर कर रहे हैं.
नगर पंचायत, कोइलवर हो या फिर सकड्डी, गीधा, चांदी समेत पंचायत की कई दलित बस्तियों में आज भी दलित परिवार के लोग गंदगी के बीच अपना जीवन यापन करने को मजबूर है़ं, जिससे आज के परिवेश में दलित बस्तियों में जागरूकता नहीं होने के कारण बीमारियां बढ़ रही है़ं पूर्व में गीधा की दलित बस्ती में एक कार्यक्रम के दौरान तत्कालीन पीएचइडी मंत्री ने गीधा गांव को गोद लेने की बात कही थी, लेकिन उसे अब तक अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका़ उस समय दलित बस्ती को चकाचक किया गया था, लेकिन कार्यक्रम के दो दिन बाद ही फिर से चारों ओर गंदगी का अंबार लग गया़
यही हाल सकड्डी दलित बस्ती का है, जहां पूर्व मंत्री के आने से पूर्व सरकारी बाबुओं द्वारा दलित बस्ती को दुल्हन की तरह सजाया गया था, लेकिन आज स्थिति विपरीत है़ इधर नगर पंचायत के वार्ड पांच व 14 में रहनेवाले महादलित परिवार के लोग भी टूटी सड़क, बजबजाती नालियों की दुर्गंध व कूड़े के बीच रहने को विवश है़ं महादलित परिवार के लोग गरमी के दिनों में फुस के मकान व पेड़ की छांव में अपना गुजर बसर करने को विवश है़ं
हालांकि नगर पंचायत, कोइलवर द्वारा वार्डों की सफाई करायी जाती है़ बुद्धिजीवियों की मानें तो वे बताते हैं कि जब तक सरकारी स्तर या एनजीओ के माध्यम से स्वच्छता समेत जागरूकता अभियान नहीं चलाया जाता, तब तक दलित परिवार का उत्थान होना टेढ़ी खीर दिखता है़ महादलित बस्ती में बच्चों को बुनियादी शिक्षा तथा अन्य योजनाओं की जानकारी दी जाये, ताकि ऐसे परिवार को मूलभूत सुविधाएं मिल सकें.

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