निषेधाज्ञा लागू होती तो नहीं होती व्यवसायी की हत्या
मृतक के भतीजा दिलीप सिंह ने लगाया प्रशासन पर आरोप साढ़े सात बीघा जमीन को लेकर उपजा था विवाद आरा : गोला व्यवसायी कृष्ण कुमार सिंह की हत्या प्रशासनिक चूक के कारण हुई है. प्रशासन समय रहते उक्त जमीन पर निषेधाज्ञा लागू की होती तो आज कृष्ण कुमार सिंह की हत्या नहीं होती. इसके लिए […]
मृतक के भतीजा दिलीप सिंह ने लगाया प्रशासन पर आरोप
साढ़े सात बीघा जमीन को लेकर उपजा था विवाद
आरा : गोला व्यवसायी कृष्ण कुमार सिंह की हत्या प्रशासनिक चूक के कारण हुई है. प्रशासन समय रहते उक्त जमीन पर निषेधाज्ञा लागू की होती तो आज कृष्ण कुमार सिंह की हत्या नहीं होती. इसके लिए पूर्ण रूप से जिला प्रशासन जिम्मेवार है. मृतक द्वारा 4 जनवरी, 2017 को नगर थाने में उक्त आरोपितों पर निषेधाज्ञा लागू करने का आवेदन दिया गया था.
नगर थाना द्वारा उक्त जमीन पर विधि-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका व्यक्त करते हुए एसडीओ को पत्र भी लिखा गया था. लेकिन उक्त साढ़े सात बीघा जमीन पर कार्रवाई नहीं करते हुए निर्माण का आदेश जारी कर दिया गया. अगर ससमय अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा निषेधाज्ञा लागू की गयी होती, तो शायद यह दिन देखना नहीं पड़ता. उक्त बातें मृतक कृष्ण कुमार सिंह के भतीजे दिलीप कुमार सिंह ने बतायी. मंगलवार को इस मामले में दर्जनों की संख्या में समर्थकों के साथ दिलीप कुमार सिंह एसडीओ आवास पहुंचे.
जहां एसडीओ नवदीप शुक्ला से पूरे मामले में बात करना चाहते थे, लेकिन एसडीओ साहब अतिक्रमण हटाने में व्यस्त थे. आक्रोशित समर्थक पुष्प गुच्छ लेकर एसडीओ से मिलने गये थे. लेकिन उनके कर्मचारी पुष्प गुच्छ लेना उचित नहीं समझा. आक्रोशित लोग एसडीओ की भूमिका की भी जांच की मांग कर रहे हैं. दिलीप सिंह ने बताया कि अपराधियों के साथ इनकी भी सांठगांठ हैं. पूरे मामले में किसी प्रकार की कार्रवाई इनके द्वारा नहीं की गयी. जिसके कारण अपराधियों के मनोबल बढ़ते चला गया. उन्होंने बताया कि पूरे मामले की सीबीआई जांच कराकर दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग करता हूं. साथ पदाधिकारियों और अपराधियों के बीच हुई बातचीत की सीडीआर निकालकर जांच कराने की मांग करता हूं. इन सारे तथ्यों के बाद स्पष्ट हो जायेगा कि अपराधियों के साथ पदाधिकारियों का सांठगांठ है या नहीं.
दिलीप सिंह ने बताया कि एसडीओ के रहते हुए कितने कार्य हुये हैं और भू-माफियाओं से उनके संबंध किस स्तर पर था. इसकी जांच होनी चाहिए. दिलीप सिंह ने बताया कि पूरे मामले की सीबीआई जांच होगी, तभी जाकर अपराधियों और पदाधिकारियों के बीच सांठगांठ का पता चल सकेगा. अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है, तो यह आंदोलन अनवरत जारी रहेगा.