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उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित हुए डीएवी के प्राचार्य

आरा : हमारे समाज के निर्माण में अध्यापक की एक अहम भूमिका होती है, क्योंकि ये समाज उन्हीं बच्चों से बनता है जिनकी प्राथमिक शिक्षा का जिम्मा एक अध्यापक पर होता है. ये अध्यापक ही है जो उसे समाज में एक अच्छा नागरिक बनाने के साथ उसका सर्वोत्तम विकास भी करता है. शिक्षा देने के […]

आरा : हमारे समाज के निर्माण में अध्यापक की एक अहम भूमिका होती है, क्योंकि ये समाज उन्हीं बच्चों से बनता है जिनकी प्राथमिक शिक्षा का जिम्मा एक अध्यापक पर होता है. ये अध्यापक ही है जो उसे समाज में एक अच्छा नागरिक बनाने के साथ उसका सर्वोत्तम विकास भी करता है. शिक्षा देने के साथ ही वह उसे एक पेशेवर व्यक्ति बनने और एक अच्छा नागरिक बननें के लिए प्रेरित करते हैं. उसी शिक्षक को जब कोई अवार्ड या सम्मान मिले तो उनके कार्य करने की क्षमता में कई गुणा इजाफा हो जाता है.

इसके साथ ही और बेहतर करने की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है. शहर के डीएवी धनुपरा के प्राचार्य डॉ संजय सिन्हा को जब नयी दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए अवार्ड मिला तो विद्यालय परिवार में खुशी छा गयी. इस अवार्ड से जिले का भी नाम गौरवान्वित हुआ. बता दें कि नयी दिल्ली में सीबीएसई टीचर अवार्ड डीएवी, धनुपरा के प्राचार्य डॉ संजय सिन्हा को केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री द्वारा एक समारोह में दिया गया.

काम करने का बढ़ा हौसला
अवार्ड मिलने के बाद प्रभात खबर से बातचीत में प्राचार्य डॉ संजय सिन्हा ने कहा कि जब मुझे यह मुझे सम्मान मिला तो खुशी का ठिकाना न रहा. इस अवार्ड से काम करने का हौसला बढ़ा है. साथ ही जिम्मेदारी भी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि स्कूल परिवार की ओर मेरे घर परिवार ने मुझे हमेशा सहयोग किया. उन्होंने कहा कि शिक्षा को व्यवसाय नही समझना चाहिए.
शिक्षक का जो कर्तव्य होता है उसका हम सभी शिक्षक को निर्वहन करना चाहिए. लक्ष्मी और सरस्वती एक साथ नहीं रहती. विद्या से बड़ा धन कुछ नहीं होता. विद्या बांटने से घटती नहीं है. उन्होने कहा कि गरीब और मेधावी बच्चों को शिक्षा देने के लिए मैं सदैव संकल्पित हूं. आगे भी मैं अपनी इसी सोच के साथ शिक्षा प्रदान करूंगा.
सामाजिक कार्यों में रही है महत्वपूर्ण भूमिका
डीएवी के प्राचार्य डॉ संजय सिन्हा का शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान तो है ही सामाजिक कार्यों में भी उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है. विगत 30 सालों से ये डीएवी में शिक्षक के रूप में बच्चों को ज्ञान बांटने का काम कर रहे है. डीएवी, बोकारो से उन्होंने शिक्षक के रूप में अपनी सेवा शुरू की. उसी समय से ये शिक्षा के साथ सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेते रहे है. उत्तरी बिहार में हर वर्ष बाढ़ आती है और हाजारों लोग उससे प्रभावित होते है. बाढ़ राहत में इनके द्वारा शुरू से ही योगदान किया जा रहा है. इस वर्ष भी उन्होंने डीएवी, धनुपरा की ओर से 50 क्विंटल से अधिक अनाज राहत कार्य के लिए भेजवाया है. वहीं विद्यालय के शिक्षक डॉ अरुण शीतांश ने प्राचार्य के सम्मानित होने पर कहा कि यह हमलोगों के लिए गर्व की बात है कि उन्हें इस वर्ष का सीबीएसई टीचर अवार्ड मिला.
विद्यालय के सभी शिक्षक काफी खुश है. उन्हें कार्य करने का सम्मान मिला है.

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