आरा : जिले के कई ओपी में हाजत नहीं होने से आरोपितों को खुले में रखा जाता है, जिससे अनहोनी की आशंका बनी रहती है. कभी-कभी आरोपित भागने में सफल हो जाते हैं, जिले में कई ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं. हालांकि बावजूद इसके अब तक घटना घटने के बाद भी इन थानाओं में हाजत की व्यवस्था नहीं है,
जिसके कारण पुलिस कर्मियों को उनकी सुरक्षा व्यवस्था में मुस्तैद रहना पड़ता है. कहीं- कहीं तो जानवरों की तरह कमर में रस्सा बांधकर आरोपितों को पेड़ में बांध दिया जाता है. हालांकि जिले के कई ऐसे थाना हैं, जहां अपना भवन नहीं है. किराये के मकान में थाना चल रहा है. हालांकि थाने के भवन बनाने को लेकर मुख्यालय को लिखा गया है. मुख्यालय से आदेश मिलने के बाद भवन का निर्माण कराया जायेगा.
थाने जहां नहीं है हाजत की व्यवस्था : इन- इन थानों में हाजत की व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण काफी परेशानी होती है. जिले के ख्वासपुर, कृष्णागढ़, सिन्हा ओपी, कारनामेपुर, बहोरनपुर ओपी, धोबहां ओपी जैसे थाने का अपना भवन नहीं है. इन थानों में हाजत की व्यवस्था भी नहीं है.
भवन नहीं होने के कारण थाने भी असुरक्षित : जिले के कई ऐसे थाना हैं, जो दूसरों की सुरक्षा तो दूर अपने आप को ही असुरक्षित महसूस करते हैं. कई थानाओं में तो फोर्स के रहने की व्यवस्था तक नहीं है. खासकर गंगा तटीय इलाकों में थाने की स्थिति दयनीय है. भवन नहीं होने के कारण बरसात के दिनों में रात भर जग कर गुजरना पड़ता है. जब फोर्स सुरक्षित नहीं है, तो आरोपित सुरक्षित कैसे होंगे.
क्या कहते हैं एसपी
जिन थानाें में हाजत की व्यवस्था नहीं है. वहां जल्द ही हाजत की व्यवस्था की जायेगी. इसके लिए मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी जायेगी.
एसपी अवकाश कुमार