आरा : गांव के विकास की रूपरेखा खींचने के लिए त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के तहत सरकार ने पंचायतों को पंचायत सरकार भवन उपलब्ध कराया था, ताकि अपना गांव अपनी सरकार के माध्यम से गांव का विकास द्रुतगति से होगा. त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था की सफलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिले का पंचायत भवन बदहाली के दौर से गुजर रहा है. अधिसंख्य पंचायत भवन तो गोशाला बन गये हैं.
पंचायत भवन में पंचायत व्यवस्था से जुड़े पंचायत स्तर के चुने हुए प्रतिनिधि तथा सरकारी कर्मियों द्वारा विकास योजनाओं पर मंथन करके उसे अंतिम रूप दिये जाने की कवायद करते हैं, वहां जानवरों का बसेरा बना हुआ है. गंदगी का साम्राज्य फैला हुआ है और तो और पंचायत सरकार भवन में लोग खेतों से काटी गयी फसलों को भी रख देते हैं. पंचायत स्तर के किसी भी प्रतिनिधि अथवा कर्मी को समय नहीं है कि पंचायत सरकार भवनों में बैठे तथा कार्य करें. वहीं भवन का रखरखाव करें.
छह पंचायतों पर बनना था एक पंचायत सरकार भवन : गांव के विकास के लिए तत्पर व संवेदनशील सरकार द्वारा छह पंचायतों पर एक पंचायत सरकार भवन बनाने का निर्णय लिया गया था. इसका उद्देश्य था कि पंचायत प्रतिनिधि मुखिया, सरपंच, पंच, पंचायत सेवक, जनसेवक, किसान सलाहकार तथा राजस्व कर्मचारी सुविधाजनक तरीके से एक छत के नीचे बैठकर योजनाओं पर विचार कर गांव का विकास कर सकें और लोगों को प्रखंड कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़े.
अब सभी पंचायतों में बनेगा पंचायत सरकार भवन : सरकार द्वारा गांव के विकास में और तेजी लाने के लिए वर्तमान में सभी पंचायतों में पंचायत सरकार भवन बनाने का निर्णय लिया गया है, ताकि विकास में कमी नहीं रह जाये.
जिले में हैं कुल 228 पंचायतें : जिले में कुल 228 ग्राम पंचायतें हैं, पर अब तक महज 36 पंचायत भवन ही बनाये गये हैं. वहीं महज 32 पंचायत सरकार भवन को पंचायतों को हस्तांतरित किया गया है. वहीं महज 25 पंचायत सरकार भवन क्रियाशील हैं, जबकि वर्ष 2017 तक 39 पंचायत सरकार भवन बनाने का लक्ष्य निर्धारित था.
50 डिसमिल में लगभग डेढ़ करोड़ की राशि से भवन का होना है निर्माण : पंचायत भवन के लिए 50 डिसमिल जमीन की आवश्यकता होती है. वहीं इसके निर्माण के लिए सवा करोड़ से लगभग डेढ़ करोड़ तक की राशि खर्च की जा रही है. शुरू में बिहार सरकार द्वारा निर्माण कराया जाता था पर अब विश्व बैंक के सहयोग से भवनों का निर्माण हो रहा है.
निर्माण का कार्य स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन द्वारा किया जा रहा है.
पंचायत भवन में नहीं बन रहीं योजनाएं
प्रशासन की उदासीनता से अब तक 192 पंचायतें हैं भवन विहीन
192 पंचायतें अब भी भवन के लिए कर रही हैं इंतजार
जिले में अब भी 192 पंचायतें ऐसी हैं, जहां पंचायत सरकार भवन नहीं बन पाया है. इन पंचायतों को अब भी पंचायत के विकास के लिए कार्यक्रम तैयार करने को लेकर एक अदद पंचायत सरकार भवन का इंतजार है. वहीं 42 पंचायतें ऐसी हैं, जहां भूमि उपलब्ध हो गया है तथा भवन निर्माण के लिए जिला प्रशासन द्वारा सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया है. हालांकि जिला प्रशासन की सुस्ती के चलते 150 पंचायतों में अब तक पंचायत सरकार भवन के लिए भूमि भी उपलब्ध नहीं करायी जा सकी है. इससे गांव के विकास पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.