* यात्री प्रतीक्षालय पर है रेल पुलिस का कब्जा
* प्रमुख ट्रेनों का ठहराव नहीं होने से रेलयात्रियों में गुस्सा
* एक वर्ष से अधूरा पड़ा है रेलवे प्लेटफॉर्म का निर्माण कार्य
।। शैलेंद्र गुप्ता ।।
बिहिया : दानापुर रेल मंडल के आरा-बक्सर रेलखंड स्थित बिहिया रेलवे स्टेशन बदहाली और बदइंतजामी का पर्याय बना हुआ है. ऐतिहासिक, धार्मिक और व्यावसायिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बिहिया स्टेशन पर प्रमुख ट्रेनों का ठहराव नहीं होने और सुविधाओं के अभाव में परेशानी झेल रहे यात्रियों में काफी गुस्सा है. दूसरी तरफ विभाग उदासीन और लापरवाह बना हुआ है.
आलम यह है कि पर्याप्त शेड, पेयजल और शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं रहने से यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. प्लेटफॉर्म की लंबाई कम रहने से एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों की तीन-चार डिब्बे प्लेटफॉर्म के बाहर खड़ी होती है, जिसके कारण यात्रियों को चढ़ने-उतरने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है.
मालूम हो कि पिछले लगभग एक वर्ष पूर्व प्लेटफॉर्म की लंबाई बढ़ाने का कार्य शुरू किया गया था, लेकिन उसे भी अधूरा छोड़ दिया गया है, जिससे लगभग प्रतिदिन यात्री गिर कर चोटिल हो रहे हैं. अधूरे प्लेटफॉर्म के कारण ट्रेन की चपेट में आने से दो यात्री तो अपना पैर भी गवां चुके हैं, फिर भी रेल प्रशासन इससे बेखबर है.
* इन ट्रेनों के ठहराव की मांग
बिहिया स्टेशन पर पंजाब मेल, दादर-गौहाटी-भागलपुर एक्सप्रेस, श्रमजीवी एक्सप्रेस और संघमित्र एक्सप्रेस के ठहराव की मांग एक लंबे समय से की जा रही है. इसके लिए विभिन्न संगठनों द्वारा कई बार धरना और अनशन किया गया, लेकिन ट्रेनों का ठहराव आज तक नहीं हो पाया है.
* छह लाख की आबादी का सहारा
बिहिया स्टेशन से बिहिया, शाहपुर, जगदीशपुर और उदवंतनगर, प्रखंड के उतरी इलाके के लगभग 6 लाख की आबादी यात्रा करती है. बावजूद स्टेशन पर प्रमुख ट्रेनों का न ही ठहराव दिया गया है और न ही बुनियादी सुविधाएं मयस्सर है.
* अधिकारियों ने कई बार किया दौरा
दानापुर रेल मंडल के डीआरएम एलएम झा समेत कई वरीय अधिकारियों ने बिहिया रेलवे स्टेशन का दर्जनों बार दौरा कर यात्री सुविधाएं बढ़ाने की बातें कहीं और इसके लिए अफसरों को निर्देश भी दिया, लेकिन इसके बावजूद यात्री सुविधाओं में कोई भी सुधार होता नजर नहीं आ रहा है.
रेलवे स्टेशन पर स्थित यात्री प्रतीक्षालय वर्षो से रेल पुलिस के कब्जे में है, जिससे ट्रेनों का इंतजार कर रहे यात्रियों को धूप या बरसात में खुले आकाश तले रहने को मजबूर होना पड़ता है. रेल अधिकारियों के कई बार हुए दौरा के समय यात्रियों द्वारा उक्त मामले को उठाया गया, लेकिन बार-बार आश्वासन के बावजूद प्रतीक्षालय यात्रियों के लिए सुलभ नहीं हो पाया.
* क्या कहते हैं यात्री
रेलयात्री रवींद्र , रमेश , अजय , अरविंद कुमार समेत अन्य का कहना है कि भारी राजस्व देने के बावजूद यात्रियों की बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. बताया कि टेलीफोन से पूछताछ की सेवा नहीं रहने से भी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं.