हत्या के मामले में पति को उम्रकैद की सजा
आरा : पत्नी की हत्या करने के एक मामले में षष्टम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश त्रिभुवन यादव ने मंगलवार को मृतका के पति आरोपित लाल बाबू रवानी को सश्रम उम्रकैद व पांच हजार रुपया अर्थदंड की सजा सुनायी. अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक प्रशांत रंजन ने बहस की थी. उन्होंने बताया […]
आरा : पत्नी की हत्या करने के एक मामले में षष्टम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश त्रिभुवन यादव ने मंगलवार को मृतका के पति आरोपित लाल बाबू रवानी को सश्रम उम्रकैद व पांच हजार रुपया अर्थदंड की सजा सुनायी. अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक प्रशांत रंजन ने बहस की थी. उन्होंने बताया कि पीरो थानांतर्गत अकुरुआ गांव निवासी शांति देवी ने अपनी पुत्री मंजू की शादी चरपोखरी थानांतर्गत पड़रिया गांव के लालबाबू रवानी के साथ की थी.
सूचिका शांति देवी को 26 सितंबर, 2015 को सूचना मिली कि उसकी पुत्री आठ दिनों से घर से गायब है. इस बात का पता करने शांति देवी पुत्री की ससुराल गयी. वहां पर उसके ससुरालवालों ने बताया कि मंजू देवी 10 दिनों से घर से गायब है. बाद में हल्ला हुआ कि बलिगांव नहर में एक बोरे में बंद लाश है. पुलिस ने लाश को बरामद कर उसे बोरा से बाहर निकाला.
शांति देवी ने साड़ी व शरीर से उस शव को अपनी पुत्री मंजू देवी की पहचान की. घटना को लेकर उसने पुत्री के पति लालबाबू रवानी समेत अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में चार गवाहों की गवाही करायी गयी थी, जबकि बचाव पक्ष की ओर से एक गवाह की गवाही हुई थी. सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री यादव ने भादवि की धारा 302 के तहत दोषी पाते हुए आरोपित लालबाबू रवानी को उक्त सजा सुनायी.