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जहरीली शराब कांड : हत्यरवन के फांसी के सजा होइत तऽ मिलित कलेजा के ठंडक, 15 दोषियों को सजा गुरुवार को

आरा : जिले के नवादा थाना क्षेत्र की अनाइठ महादलित बस्ती में सात दिसंबर, 2012 को जहरीली शराब पीने से 21 लोगों की हुई मौत के मामले में दोषी करार दिये गये 15 लोगों को गुरुवार को सजा सुनायी जायेगी. प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ आरसी द्विवेदी द्वारा मंगलवार को 15 आरोपितों को […]

आरा : जिले के नवादा थाना क्षेत्र की अनाइठ महादलित बस्ती में सात दिसंबर, 2012 को जहरीली शराब पीने से 21 लोगों की हुई मौत के मामले में दोषी करार दिये गये 15 लोगों को गुरुवार को सजा सुनायी जायेगी. प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ आरसी द्विवेदी द्वारा मंगलवार को 15 आरोपितों को दोषी करार दिये जाने के बाद पीड़ित परिवार के घरवालों का दोषियों के खिलाफ गुस्सा है. महादलित बस्ती की पीड़ित महिलाओं के चेहरे पर मायूसी है. हालांकि, आरोपितों को दोषी करार दिये जाने के बाद कुछ लोगों के अश्रुपूरित आंखों में संतोष के भाव दिखे.

वार्ड नंबर-43 के विकास मित्र स्व हरेंद्र मुसहर की पत्नी पचरत्नी देवी ने कहा कि ‘हत्यरवन के फांसी की सजा होइत तऽ कलेजा के ठंडक मिलित. कोर्ट पर हमरा बहुत विश्वास बा. जवन सजा मिली उ मंजूर होई, अउर कड़ा सजा मिली. हमार तऽ घरवे उजड़ गइल. पति के ना रहला के बाद सरकार कहले रहे कि सब व्यवस्था देब जा, लेकिन अब तक कवनो तरह के सुविधा ना मिलल.’ महादलित बस्ती की महिला स्व जितेंद्र राम की पत्नी विंदा देवी ने बताया कि ‘सरकार कहले रहे की दरूइया बंद हो जाई, लेकिन अभियों चोरी-चुपके दरूइया बेचाते बा. लोग आजो पियत बा. पुलिस कहां बंद कइले बिया.’ पति के ना रहने का गम आज भी उसके चेहरे पर स्पष्ट रूप से झलक रहा है. गम सिर्फ इस बात का है कि छह साल के बाद फैसला आ रहा है. वहीं, भंगरी देवी ने कहा कि ‘पति की मौत के बाद से ही पूरा घर उजड़ गया. सरकार ने वादा किया था. वह अब तक नहीं मिल पाया. आज भी हमलोग उसी परिवेश में जीने के लिए विवश हैं. आज भी पूरे मुसहर टोली में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. चुपके चोरी आज भी शराब की बिक्री जारी है. पुलिस द्वारा शराब बेचनेवालों पर कार्रवाई नहीं कर रही है. शराब का नाम सुन कर ही हमलोगों की रूह कांप जाती है. भगवान न करे कि छह साल पहले वाला दिन फिर देखना पड़े.’

कौन-कौन दोषी करार दिये गये

प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ द्विवेदी ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपित राकेश चौधरी, अशोक राय, मंटू सिंह, उपेंद्र कुमार, मनोज यादव, सरोज प्रसाद, मनोज सूड़ी, मोहन साह, पप्पू चौधरी, सनोज यादव, संजय प्रताप सिंह, संजय बहादुर, उपेंद्र कुमार व राकेश सिंह को भादवि की धारा 272,273,304, 328/34 व 47( ए) उत्पाद अधिनियम और 3(2) 5 एससी/एसटी एक्ट और भास्कर सिन्हा को 47 (ए) उत्पाद अधिनियम के तहत दोषी करार दिया.

इन्होंने गंवायी थी जान

विशेष लोक अभियोजक सत्येंद्र सिंह दारा ने बताया कि जहरीली शराब पीने से कुंती देवी, हरेंद्र मुसहर, धनजी साह, चांददेव मुसहर, जितेंद्र राम, अंझारी देवी, ललिता देवी, जितेंद्र राम (प्रथम), शिव कुमारी देवी, संजय कुमार, ब्रजराज सिंह, महेंद्र चौधरी, सुरेश पासवान, मो वसीर अहमद, राजेश्वर यादव, लाला पासवान, रमेश राम रजक, लालती देवी, दिलीप चौधरी, रवि राम व एक अज्ञात की मौत हुई थी. वहीं, शराब पीने से रंजन राम, राजू यादव, दशरथ पासवान, मनजीत पासवान, इंद्रदेव मुसहर, ज्ञान सागर, कृष्णा किशोरी, जलेखर मुखिया, घोघा पासवान, गुरु चौधरी, हरे राम सिंह, मुन्ना चौधरी, गुलाब चंद्र साह और एक अज्ञात व्यक्ति अपंग हो गये थे.

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