हादसों का गवाह बन रहा आरा-मोहनिया पथ
आरा : सड़क हादसों पर ब्रेक नहीं. सड़क चिकनी हो या लगे हों ब्रेकर. तेज रफ्तार व लापरवाही की हद से जिले में सड़क दुर्घटनाएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं. आये दिन कहीं -न- कहीं कोई सड़क हादसा हो ही जा रहा है. नतीजतन कई जानें असमय चली जा रही हैं. सबसे ज्यादा दुर्घटना आरा-मोहनिया मुख्य पथ पर हो रही हैं.
15 दिनों के अंदर इस पथ पर अब तक 11 जानें जा चुकी हैं. 21 मई की अहले सुबह नारायणपुर गांव के समीप ट्रक एवं मैजिक सवारी गाड़ी की हुई सीधी टक्कर में चार बैंड पार्टी के सदस्यों की मौत हो गयी थी. 24 मई को इसाढ़ी गांव के समीप मोटरसाइकिल व ट्रक की सीधी भिड़ंत में मोटरसाइकिल सवार युवक की मौत हो गयी थी. 29 मई को दुल्हिनगंज पेट्रोल पंप के समीप अज्ञात वाहन के धक्के से मोटरसाइकिल सवार युवक की जान चली गयी. 2 जून की रात्रि को सबसे भयंकर दुर्घटना घटी.
इसमें एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत मौके पर ही हो गयी. इस घटना के बाद 15 दिनों के अंदर इस पथ पर मरनेवालों की संख्या 11 तक पहुंच गयी. जबकि दर्जनों लोग जख्मी हो कर जीवन और मौत के बीच झूल रहे हैं. आये दिन इस पथ पर हो रही दुर्घटनाओं में यात्र करने वाले यात्री सहमे हुए हैं. लोग भगवान का नाम लेकर यात्र करने पर मजबूर हैं.
तेज रफ्तार पर ब्रेक नहीं
सड़क दुर्घटनाओं के लिए प्रशासन ही नहीं बल्कि वाहनचालक भी कम जिम्मेवार नहीं है. समय की पाबंदी और गंतव्य तक पहुंचने के जल्दीबाजी में वाहन को तेज गति से चला रहे चालक लापरवाही बरत रहे हैं. इससे सड़क दुर्घटना हो रही है. कम उम्र के चालकों के हाथ में मालिकों द्वारा वाहन थमा दिया जा रहा है. कम उम्र के ये चालक यातायात के नियमों की अनदेखी करते हुए वाहनों को तेज गति से चला रहे हैं. इससे आये दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं.
वहीं लोगों का सिंबल स्टेटस बन चुका नशा भी सड़क दुर्घटना एक प्रमुख कारण बन गया है. अधिकतर वाहन चालक शराब पीकर ही वाहन चलाते हैं. एनएच पेट्रोलिंग के दौरान पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर हाथ-पैर जोड़ जी छुड़ा लेते हैं. चालकों द्वारा यातायात के नियमों का पालन नहीं करना दुर्घटना का मुख्य कारण है.