ट्रेन हो या प्लेटफाॅर्म, हर जगह स्वच्छता का अभाव
आरा : ट्रेनों में सफाई का रेलवे का दावा झूठा साबित हो रहा है. गंदगी और कचरों के बीच बैठकर सफर करना यात्रियों की मजबूरी बन गयी है. लोकल ट्रेन हो या फिर लंबी दूरी की ट्रेन, सभी के कोच का यही हाल है. ट्रेन के प्लेटफाॅर्म पर खड़े होते ही सफाई कर्मचारी एसी व […]
आरा : ट्रेनों में सफाई का रेलवे का दावा झूठा साबित हो रहा है. गंदगी और कचरों के बीच बैठकर सफर करना यात्रियों की मजबूरी बन गयी है. लोकल ट्रेन हो या फिर लंबी दूरी की ट्रेन, सभी के कोच का यही हाल है. ट्रेन के प्लेटफाॅर्म पर खड़े होते ही सफाई कर्मचारी एसी व स्लीपर कोच के दरवाजों और बाथरूम के सामने के हिस्से की ही सफाई करते हैं. जनरल कोच की तरफ तो वे झांकते भी नहीं हैं. वहां की गंदगी से अफसरों और सफाई ठेकेदारों को कोई लेना-देना नहीं होता है.
रेलवे में नहीं दिखता कहीं भी स्वच्छता अभियान : रेलवे में स्वच्छता को लेकर बड़ा अभियान चलाया जा रहा है. रेलवे स्टेशन, प्लेटफाॅर्म और सर्कुलेटिंग एरिया को साफ-सुथरा चकाचक रखने का दावा किया जा रहा है. ट्रेनों के हर कोच में सफाई कर्मचारी को रखने का ठेका दिया गया है.
बावजूद इसके ट्रेनों में सफाई नहीं हो रही है. दानापुर सिकंदराबाद-एक्सप्रेस शाम 5:20 बजे आरा रेलवे स्टेशन के प्लेटफाॅर्म नंबर एक पर पहुंची. उसके सभी जनरल कोच में गंदगी पसरी पड़ी थी. सीट के नीचे संतरे के सूखे छिलके पड़े थे. इस ट्रेन के एस-1, एस-2 कोच में भी सीट के नीचे गंदगी थी. वैसे ही बैठकर यात्री सफर कर रहे थे.