गर्मी में पेयजल के लिए लोग बेहाल, विभाग को नहीं है मलाल

आरा : जिले में घटते जल स्तर से पीने के पानी की किल्लत होने की आशंका होने लगी है. वहीं विगत एक सप्ताह से गर्मी का कहर चौतरफा जारी है. आसमान से मानों अंगारे बरस रहे हैं. पछुआ हवा के झोंकों के बीच कभी-कभार पुरवा हवा से लोग पसीने से तर बतर हो जा रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 3, 2019 7:01 AM

आरा : जिले में घटते जल स्तर से पीने के पानी की किल्लत होने की आशंका होने लगी है. वहीं विगत एक सप्ताह से गर्मी का कहर चौतरफा जारी है. आसमान से मानों अंगारे बरस रहे हैं. पछुआ हवा के झोंकों के बीच कभी-कभार पुरवा हवा से लोग पसीने से तर बतर हो जा रहे हैं. इस स्थिति से परेशानी और भी बढ़ जा रही है. सड़कों पर सुबह नौ बजते-बजते वीरानगी छा जा रही है.

गर्मी से जिले में पीने के पानी की समस्या अब धीरे-धीरे गहराने लगा है. कई सरकारी और निजी चापाकल जवाब दे चुके हैं. वहीं शहरी इलके में बने घरों में पग-पग लगे बोरिंग भी पानी छोड़ने लगे हैं. इससे जिलेवासियों के मन व मस्तिष्क पर चिंता की लकीरें खींच रही हैं.
जल संकट से लोगों के समक्ष प्यासे रहने की स्थिति उत्पन्न हो रही है तो दूसरी तरफ जिम्मेदार विभाग की लापरवाही से सड़कों पर पानी बह रहा है.
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की स्थापना लोगों को पानी मुहैया कराने के लिए की गयी है पर विभाग अपने दायित्व को पूरी तरह पूरा करने में विफल साबित हो रहा है. विभाग द्वारा घरों में पानी आपूर्ति करने के लिए बिछाये गये पाइप लाइन की स्थिति काफी जर्जर है. नगर में दो दर्जन से अधिक जगहों पर पाइपलाइन फटे हुए हैं. इस कारण हजारों लीटर पानी की बर्बादी प्रतिदिन हो रही है.
यह स्थिति जल स्तर को घटाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. वहीं दूसरी तरफ लोगों को पानी भी सही ढंग से नहीं मिल पा रहा है. नियत समय तक पानी आपूर्ति का नियम है. पर पाइप लाइन के फटने से प्रेशर नहीं होने के कारण घरों में सही ढंग से पानी नहीं पहुंच पाता है.
इतना ही नहीं गाड़ियों के सर्विसिंग सेंटर में प्रतिदिन हजारों लीटर पानी बर्बाद किया जाता है. जबकि इस कार्य को नियंत्रित ढंग से करने पर काफी मात्रा में पानी बचाया जा सकता था. वहीं घरों में भी समरसेबल सहित अन्य पानी निकालने के संसाधनों का दुरुपयोग किया जा रहा है. पानी टंकी में पानी भर जाने के बाद भी काफी पानी घरवालों की लापरवाही से बह कर नीचे गिरते रहता है.
इन उपायों पर देना होगा ध्यान, तब बचेगा जलस्रोत
वर्षा जल संचयन की करनी होगी पहल.
नगर निगम व जिला प्रशासन को उठाना होगा कारगर कदम.
प्राकृतिक जलस्रोतों कुआं, तालाब एवं पोखरों का जीर्णोद्धार कराना होगा.
बहुमंजिले भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य करना होगा.
शहर से निकलनेवाले गंदे पानी के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर उसका इस्तेमाल अन्य कार्यों में करना होगा.
बाढ़ के पानी का समुचित प्रबंधन कर उसका लाभ उठाना होगा.
पोखर-तालाब के जीर्णोद्धार की योजना को कारगर ढंग से लागू करनी होगी.
बोले लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अभियंता
लोगों को अपनी आदतों में सुधार लाना होगा. अनावश्यक पानी बर्बाद नहीं करना चाहिए. जरूरत के अनुसार ही पानी का उपयोग करें. जिले में चापाकल सूखने की स्थिति में विभाग द्वारा व्यवस्था की गयी है. जिन मोहल्लों में इसकी शिकायत मिलेगी, वहां टैंकर द्वारा पानी पहुंचाया जायेगा.
वहीं जिले के अन्य क्षेत्रों के लिए भी कार्य योजना बनायी गयी है. नया चापाकल लगाया जायेगा ताकि लोगों को पानी उपलब्ध कराया जा सके पर इसमें सभी का सहयोग जरूरी है. रेन वाटर हार्वेस्ट योजना के तहत सबको काम करना चाहिए.
सुभाष प्रसाद, कार्यपालक अभियंता

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