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35 लाख की आबादी के लिए 19 दमकलों से हो रही चौकसी़, जनवरी से लेकर अभी तक अगलगी की हो चुकी हैं 60 घटनाएं

आरा : भोजपुर जिले में आग लगने से गर्मियों में अग्निशामक विभाग हांफने लगता है. इसे विभाग की लापरवाही या सरकार की लापरवाही कहें. इतने बड़े जिले में 19 छोटी-बड़ी गाड़ियों के भरोसे पूरा विभाग चल रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि जगदीशपुर अनुमंडल के शाहपुर और बहोरनपुर इलाके में अगलगी की घटनाएं […]

आरा : भोजपुर जिले में आग लगने से गर्मियों में अग्निशामक विभाग हांफने लगता है. इसे विभाग की लापरवाही या सरकार की लापरवाही कहें. इतने बड़े जिले में 19 छोटी-बड़ी गाड़ियों के भरोसे पूरा विभाग चल रहा है.

सबसे बड़ी बात यह है कि जगदीशपुर अनुमंडल के शाहपुर और बहोरनपुर इलाके में अगलगी की घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं. गर्मियों के दिनों में अगलगी की घटनाएं ज्यादा होती हैं. बावजूद इसके जगदीशपुर अनुमंडल में एक बड़ी और तीन छोटी गाड़ियां हैं. इसी के भरोसे पूरा अनुमंडल चल रहा है.
हालांकि शाहपुर थाना क्षेत्र के दियारा इलाके में अगलगी में लगभग सैकड़ों घर जलकर राख हो गये. इसके बाद विभाग द्वारा एक-एक गाड़ियां शाहपुर और बहोरनपुर थाने को आवंटित की गयीं. इस संबंध में अग्निशमन पदाधिकारी शशिभूषण सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा आदेश के बाद दो गाड़ियों का आवंटन किया गया. जबकि इतने बड़े जिले में गाड़ी और अधिक मैन पावर की आवश्यकता है.
अग्निशामक विभाग के सभी प्रखंडों में लैंडलाइन सेवा तथा मोबाइल सेवा उपलब्ध है. आग लगने पर इसकी सूचना आरा मुख्यालय स्थित अग्निशामक विभाग 234009 पर फोन कर दी जाती, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाती है. इसी तरह सभी थानावार गाड़ी की उपलब्धता की गयी है.
थाने के नंबर पर भी सूचना दी जाती है, जिसके बाद गाड़ी पहुंचती है. हालांकि जिले के कुछ ऐसे इलाके हैं जहां सूचना के बावजूद गाड़ी पहुंचने में परेशानी होती है. गुरुवार को जिले में लगभग 10 अगलगी की घटनाएं हैं, जिनमें हजारों रुपये मूल्य की संपत्ति का नुकसान हुआ.
29 कर्मियों की बदौलत चल रहा है विभाग : इतने बड़े जिले में मात्र 29 अग्निशामक विभाग में पदाधिकारी पदस्थापित हैं, जिनमें आरा अनुमंडल में 13 फायर मैन, दो हवलदार, दो सब ऑफिसर तथा एक फायर ऑफिसर पदस्थापित हैं.
वहीं पीरो अनुमंडल में एक फायर ऑफिसर तथा पांच फायरमैन. जबकि जगदीशपुर अनुमंडल में भी एक फायर ऑफिसर तथा पांच फायर मैन हैं. जिले की आबादी के अनुसार फायर विभाग में न गाड़ियां हैं और नहीं मैनपावर. ऐसे में विभागीय अधिकारी भी मानते हैं कि कार्य में परेशानी हो रही है.
12 गाड़ियों की बदौलत चल रहा है सदर अनुमंडल जबकि जगदीशपुर अनुमंडल में हैं चार गाड़ियां : सदर अनुमंडल अंतर्गत आठ छोटी गाड़ियां हैं. जबकि आरा मुख्यालय में तीन बड़ी और एक छोटी गाड़ियां हैं. इसी के बदौलत पूरा अनुमंडल का आठ थाना क्षेत्र चलता है.
इस अनुमंडल अंतर्गत मुफस्सिल, पवना, गड़हनी, संदेश, कोइलवर, उदवंतनगर, सहार, कृष्णागढ़ थाना है, जिनमें एक-एक गाड़ियों का आवंटन किया गया है. जबकि जगदीशपुर अनुमंडल में कुल चार गाड़ियां हैं, जिसमें बिहिया में एक, जगदीशपुर में एक, शाहपुर में एक तथा बहोरनपुर में एक गाड़ी है. ऐसे में शाहपुर और बहोरनपुर इलाके में अगलगी की घटनाओं के बाद इन थानों की गाड़ियों को मंगाया जाता है. जबकि तीन इलाकों में सबसे ज्यादा अगलगी की घटनाएं होती हैं.
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वर्ष 2018 में हो चुकी हैं 187 अगलगी की घटनाएं : बीते वर्ष के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो पूरे जिले में 187 अगलगी की घटनाएं हो चुकी हैं. अगलगी की इन घटनाओं में अनुमानत: 20 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है. हालांकि इस वर्ष 2019 में जनवरी से लेकर अभी तक 60 अगलगी की घटनाएं हो चुकी हैं.
बोले पदाधिकारी
गाड़ियों के आवंटन के लिए विभाग को लिखा गया है. भोजपुर जिले को 29 गाड़ियों की जरूरत है लेकिन वर्तमान में पूरे जिले में 19 छोटी-बड़ी गाड़ियां काम कर रही हैं. वहीं 50 कर्मियों की जरूरत है, जहां फिलहाल 29 कर्मी ही कार्यरत हैं. ऐसी स्थिति में भी हमलोग युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं.
शशिभूषण सिंह, अग्निशमन पदाधिकारी

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