कैसे समय पर होगा शोध

पीजीआरसी की बैठक नहीं होने से छात्रों की बढ़ीं परेशानियांआरा : वीर कुंवर सिंह विवि में स्नातकोत्तर शोध परिषद (पीजीआरसी) की बैठक नहीं होने से कई विषयों के शोध छात्रों के शोध पत्र पेंडिंग पड़े हुए हैं. इससे शोध छात्रों की परेशानियां बढ़ रही हैं. शोध छात्रों का कहना है कि अगर समय पर पीजीआरसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:46 PM

पीजीआरसी की बैठक नहीं होने से छात्रों की बढ़ीं परेशानियां
आरा : वीर कुंवर सिंह विवि में स्नातकोत्तर शोध परिषद (पीजीआरसी) की बैठक नहीं होने से कई विषयों के शोध छात्रों के शोध पत्र पेंडिंग पड़े हुए हैं. इससे शोध छात्रों की परेशानियां बढ़ रही हैं.

शोध छात्रों का कहना है कि अगर समय पर पीजीआरसी की बैठक हो जाती है, तो उनका शोध समय पर हो जायेगा. मालूम हो कि पीजीआरसी की बैठक में प्री पीएचडी उत्तीर्ण छात्रों के द्वारा जमा किये गये शोध पत्रों पर विचार-विमर्श किया जाता है. इस दौरान पीजीआरसी के सदस्यों द्वारा विचार-विमर्श कर उत्कृष्ट शोध पत्रों पर मुहर लगायी जाती है.

पीजीआरसी के सदस्य शोध पत्रों की जांच के क्रम में इस बात पर ध्यान देते हैं कि या पहले कभी इस विषय पर शोध हुआ है या नहीं. इसके अलावे अन्य कई बिंदुओं पर परिषद के सदस्यों द्वारा ध्यान दिया जाता है. पीजीआरसी की बैठक के बाद कुलपति का भी इस फाइलों पर अंतिम हस्ताक्षर होता है.

कब से नहीं हुई है बैठक

कई माह से पीजीआरसी की बैठक नहीं होने से शोधार्थियों की परेशानियां बढ़ने लगी हैं. पीजीआरसी की बैठक यथाशीघ्र आयोजित करने को लेकर विभिन्न छात्र संगठनों के नेताओं ने कुलपति से गुहार लगायी थी.

इसके बाद विवि प्रशासन ने 10 से 15 अप्रैल, 2013 तक विभागीय समिति द्वारा शोध प्रस्तावों की समीक्षा करने का निर्देश स्नातकोत्तर विभागध्यक्षों को दिया था. इसके बाद 10 से 20 अप्रैल के बीच पीजीआरसी की बैठक आयोजित कर विवि परीक्षा विभाग को सूचित करने की बातें कहीं थी.

इसके आलोक में कई विभागों ने विभागीय समिति द्वारा शोध प्रस्तावों की समीक्षा कर पीजीआरसी की बैठक की और विवि परीक्षा विभाग को सूचित किया, जबकि कई विभागों द्वारा अब तक पीजीआरसी की बैठक नहीं आयोजित की गयी है. ऐसे विभागों के शोध छात्र काफी परेशान हैं.

प्री पीएचडी सत्र 2011-12 के उत्तीर्ण छात्रों का कहना है कि अपने शोध पत्र स्नातकोत्तर विभागों में समय पर जमा किये गये, लेकिन लगता है कि उनके शोध पत्र विभागों में फाइलों में ही सिमट कर रह गया है. अगर यथाशीघ्र पीजीआरसी की बैठक नहीं होती है, तो समय पर शोध नहीं हो पायेगा.

इसके पूर्व सत्र 2010-11 के प्री पीएचडी उत्तीर्ण छात्रों के शोध पत्र स्वीकृत करने के लिए पीजीआरसी की बैठक हो गयी है. इन छात्रों ने अपना रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है, लेकिन इसके बाद के सत्रों के उत्तीर्ण छात्रों के लिए पीजीआरसी की बैठक कई विभागों में नहीं हो पायी है.

कौन- कौन रहते हैं सदस्य

पीजीआरसी की बैठक में मुख्य रूप से कुलपति, प्रतिकुलपति, संबंधित विभागों के डीन, विभागाध्यक्ष, उक्त विषय के प्रोफेसर एवं उस विषय के एक्सपर्ट मौजूद रहते हैं. एक्सपर्ट बाहर के विश्वविद्यालयों से बुलाये जाते हैं.

किन विभागों में हुई है बैठक

पीजी आरसी की बैठक स्नातकोत्तर समाज शास्त्र, मनोविज्ञान, अंगरेजी, गणित, इतिहास एवं रसायन विभाग द्वारा कर ली गयी है. इसके अलावे भौतिकी सहित अन्य विषयों के लिए पीजीआरसी की बैठक नहीं हो पायी है.वहीं रसायन शास्त्र के पीजीआरसी की बैठक होने के बाद इस पर कुलपति के हस्ताक्षर नहीं हो पाये हैं.

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