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दूसरे दिन भक्तों ने की माता के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा

आरा : शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन भक्तों ने उत्साह से माता के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की शंख ध्वनि के बीच पूजा की पहले दिन वर्षा के कारण हुई परेशानी को लेकर भक्तों में थोड़ी मायूसी की स्थिति थी पर दूसरे दिन बारिश के थमते ही भक्तों का जोश आसमान पर पहुंच गया उत्साह से भरे […]

आरा : शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन भक्तों ने उत्साह से माता के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की शंख ध्वनि के बीच पूजा की पहले दिन वर्षा के कारण हुई परेशानी को लेकर भक्तों में थोड़ी मायूसी की स्थिति थी पर दूसरे दिन बारिश के थमते ही भक्तों का जोश आसमान पर पहुंच गया उत्साह से भरे भक्त पूजा की तैयारियों में जुट गये.

तैयारी के बाद वैदिक मंत्रों के बीच कलश स्थापना व पूजा-अर्चना की गयी. इसी के साथ श्रद्धालु नौ दिनों तक देवी के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना व आराधना करेंगे. इस दौरान देवी व वैदिक मंत्रों से नगर सहित पूरा जिला गूंज उठा. मठ-मंदिरों, पूजा पंडालों एवं आवासीय परिसरों में श्रद्धा और भक्ति का वातावरण बना रहा.
आचार्य गिरिधर तिवारी ने बताया कि नवरात्र का आज दूसरा दिन है. आज मां के भक्त उनके दूसरे रूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा- अर्चना करके उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं. मां के नाम का पहला अक्षर ब्रह्म होता है. इसका मतलब होता है तपस्या और चारिणी मतलब होता है आचरण करना. मां ब्रह्मचारिणी ने अपने दाएं हाथ में माला और अपने बाएं हाथ में कमंडल धारण किया हुआ है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए एक हजार वर्ष तक कठोर तपस्या की थी. इस दौरान मां ने फल-फूल खाकर बिताये और हजारों वर्ष तक निर्जल और निराहार रहकर साधना की गयी. इसकी वजह से उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो साधक विधि विधान से देवी के इस स्वरूप की पूजा- अर्चना करता है, उसकी कुंडलिनी शक्ति जाग्रत हो जाती है.
सुबह से ही मंदिरों में पहुंचने लगे थे श्रद्धालु : ब्रह्म मुहूर्त बेला से ही देवी मंदिरों सहित अन्य मंदिरों में घंटे व घंटियों की आवाज सुनाई देने लगी. पूजा के लिए श्रद्धालु मंदिरों में पहुंचने लगे. वहीं मंदिरों के पुजारियों ने शंख -ध्वनि व मंत्रोच्चार के बीच मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करायी. इस दौरान मंदिर परिसर में कई श्रद्धालु दुर्गा सप्तशती का पाठ करते देखे गये. मंदिरों का माहौल पूरी तरह अाध्यात्मिक हो चुका है. श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिरों में देखते ही बन रही है.
आवासीय परिसरों में भी की गयी पूजा : कई श्रद्धालु भक्तों द्वारा अपने आवासीय परिसर में भी कलश स्थापन कराया गया है. दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा आवासीय परिसरों में भी की गयी. इस दौरान देवी के मंत्रों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो रहा था.
कई श्रद्धालु परंपरागत तरीके से प्रतिवर्ष घरों में कलश स्थापन के साथ मां दुर्गा की पूजा करते हैं. वहीं दुर्गा सप्तशती का भी पाठ किया गया .पाठ के बाद आरती के साथ प्रसाद का वितरण किया गया. पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है.
देवी गीतों से श्रद्धालुओं में हो रहा है भक्ति का संचार : नगर के सभी चौक- चौराहे पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों से मां दुर्गा को समर्पित गीत बजाये जा रहे हैं. इससे पूरा वातावरण दुर्गामय हो चुका है. देवी गीतों से भक्तों के मन में उत्साहवर्धन हो रहा है. आस्था व विश्वास का सैलाब उमड़ पड़ा है. वहीं श्रद्धालुओं में व अन्य लोगों में भक्ति का संचार हो रहा है.
पूजा -पंडालों में वैदिक मंत्रोचार के साथ किया किया गया पूजा पाठ : नगर के सभी पंडालों में मां ब्रह्मचारिणी का पूजा -पाठ किया गया. आचार्य व पुजारियों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा पाठ कराया. इस दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्रों से देवी मंत्र गूंज रहे थे.
वहीं पूजा पंडाल समितियों के कार्यकर्ताओं व श्रद्धालुओं में उत्साह का वर्धन हो रहा था. कलश स्थापन के साथ ही पूजा पंडालों में भक्ति में माहौल देखा जा रहा है. पंडाल व्यवस्थापक लगातार पंडालों को भी सजाने में लगे हैं ताकि उनका पंडाल सबसे बेहतर और सुंदर हो.
नवाह परायण का दूसरा पाठ : नवरात्र में ही भगवान श्रीराम के भक्तों द्वारा गोस्वामी तुलसीदास कृत रामचरितमानस का नवाह परायण पाठ किया जाता है. इसे लेकर श्रीराम भक्तों ने घरों सहित मंदिरों में विधि- विधान के साथ नवाह परायण पाठ का दूसरा अध्याय संपन्न किया. भगवान श्रीराम के भक्तों में उत्साह का माहौल है. कहा जाता है कि नवाह परायण पाठ से भक्त भगवान श्रीराम की स्तुति कर उन्हें खुश करते हैं तथा आशीर्वाद पाते हैं.
जिले में है पूजा को लेकर उत्साह का माहौल
नवरात्र को लेकर हर तरफ खुशी का माहौल है. श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है. खासकर बच्चे व महिलाएं काफी उत्साहित हैं. पूजा को लेकर पूजा सामग्री को जुटाने में बच्चे पूरे उत्साह से लगे हुए हैं. वहीं घरों में महिलाएं मां दुर्गा की पूजा में तल्लीन है. वहीं बच्चे विजयादशमी के लिए काफी उत्साहित हैं.
बारिश रुकते ही चरम पर भक्तों का उत्साह
वर्षा के कारण नवरात्र में पहले दिन व्यवधान पड़ था. आज बारिश थमने के बाद भक्तों का उत्साह चरम पर पहुंच गया. भक्तों में मां की भक्ति उफान पर है. भक्त हर तरफ आगे की तैयारियों में लगे हुए हैं. दिन-रात एक कर मां की पूजा को सफल बनाना उनका लक्ष्य बन गया है.
सहार के छोटकी खड़ाव में भक्त ने छाती पर रखा कलश
सहार. प्रखंड क्षेत्र के छोटकी खड़ांव में नवरात्र के दौरान श्रद्धालु ने नौ दिनों के लिए छाती पर कलश की स्थापना करायी. इस दौरान वैदिक मंत्रों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया. ग्रामीण सुमंत कुमार राय ने बताया कि छोटकी खड़ांव काली स्थान संतोष राय के द्वारा नौ दिनों के लिए कलश की स्थापना छाती पर करायी गयी है. अवध किशोर राय के द्वारा राम चरित मानस एवं अशोक राय के द्वारा देवी पाठ किया जा रहा है.
इससे पूरा वातावरण वैदिक मंत्रोच्चारण से भक्तिमय हो रहा है. वहीं ग्रामीणों के द्वारा देवी पाठ एवं रामचरितमानस की कथा पूरी श्रद्धा के साथ सुनी जा रही है. नवरात्र के दूसरे दिन भक्तों के द्वारा मां की प्रतिमा की पूजा पूरी श्रद्धा से की गयी, जिससे मंदिर एवं पंडालों में भीड़ देखने को मिली.

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