आरा : आरा सदर अस्पताल अब खुद ही बीमार हो गया है. उसे भी इलाज की आवश्यकता है. कुव्यवस्था का आलम यह है कि इमरजेंसी के बाहर लाखों रुपये की मशीन बर्बाद हो रही है. उसमें जंग लग गयी है. उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. लगभग एक साल से इमरजेंसी के बाहर ऑपरेशन थिएटर का टेबल बाहर फेंका हुआ है. अस्पताल प्रशासन मौन धारण किये हुए है.
यही नहीं खरीदे गये स्ट्रेचर व बेड भी बाहर फेंके हुए हैं, जबकि अस्पताल का नया बेड तथा कई उपकरणों की खरीदारी को लेकर लगातार कोटेशन दिये जा रहे हैं. सरकार द्वारा अस्पताल के सौंदर्यीकरण और सुदृढ़ बनाने को लेकर करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है.
सरकारी योजनाओं का लाभ आम आदमियों तक नहीं पहुंच रही है. आये दिन सदर अस्पताल में स्ट्रेचर और कुव्यवस्था को लेकर हंगामा होता है. लेकिन, वहां पर तैनात अस्पतालकर्मी तथा अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण लाखों रुपये की मशीन खराब हो रही है. और-तो-और इमरजेंसी के ऑपरेशन थिएटर में पर्याप्त लाइट की व्यवस्था भी नहीं है, जिसके कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ ललितेश्वर प्रसाद झा ने बताया कि अस्पताल की देखरेख अधीक्षक के जिम्मे है. ऐसे में मामला संज्ञान में आते ही कार्रवाई की जायेगी. लापरवाह कर्मियों पर कार्रवाई की जायेगी.