बाबरी मस्जिद तोड़नेवालों पर जल्द हो फैसला : दीपंकर भट्टाचार्य
आरा/पीरो : भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि अयोध्या विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को तथ्य से दूर बताते हुए कहा कि इस फैसले से कई नये सवाल खड़े हो गये हैं. भाकपा माले नेता ने कहा कि जब कोर्ट ने माना कि 1949 में चोरी-चुपके मस्जिद में रामलला की […]
आरा/पीरो : भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि अयोध्या विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को तथ्य से दूर बताते हुए कहा कि इस फैसले से कई नये सवाल खड़े हो गये हैं. भाकपा माले नेता ने कहा कि जब कोर्ट ने माना कि 1949 में चोरी-चुपके मस्जिद में रामलला की मूर्तियां रख दी गयी थीं और 1992 में मस्जिद को गिराया जाना जुर्म है, तो ऐसी स्थिति में विवादित जमीन मस्जिद गिरानेवालों के हवाले करने का फैसला हैरतभरा है. इस फैसले से ऐसे अपराध करनेवालों का मनोबल बढ़ेगा. साथ ही कहा कि जब कोर्ट ने बाबरी मस्जिद गिराने की घटना को अपराध माना है, तो मामले में जल्द फैसला आना चाहिए और घटना में शामिल दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.
उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार की गरीब विरोधी और कॉरपोरेट परस्त नीतियों के कारण देश आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. देश में बेरोजगारी पिछले 40 सालों में सर्वोच्च शिखर पर पहुंच गयी है. महंगाई की मार झेल रहे लोगों की क्रय शक्ति घट रही है, जिसका सीधा असर आर्थिक स्थिति पर पड़ा है. भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक से 1.76 लाख करोड़ रुपये लिए जो गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च करने के बजाय कॉरपोरेट घरानों को टैक्स छूट देने में खर्च कर दिये गये. उन्होंने कहा कि हमने सरकार के सामने गरीब परिवारों को दी जानेवाली विभिन्न तरह के पेंशन की राशि बढ़ाकर कम-से-कम तीन हजार रुपये करने, गरीब किसानों को साल में एक मुश्त दस हजार रुपये की सहायता राशि देने, मनरेगा मजदूरों को साल में 200 दिन काम की गारंटी करने तथा 500 रुपये न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करने की मांग रखी है. संवाददाता सम्मेलन में मौजूद विधायक सुदामा प्रसाद ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1850 रुपये करने तथा वैकल्पिक व्यवस्था कर समय पर धान खरीद की व्यवस्था करने की वकालत की.