हादसे में मौत के विरोध में माले ने जाम की सड़क

सहार : आरा-सहार मुख्य मार्ग पर हो रही प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाओं से आक्रोशित भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने प्रखंड सचिव उपेंद्र भारती के नेतृत्व में आरा-सहार मुख्य मार्ग को मिश्री चक मोड़ के समीप जाम कर दिया और प्रशासन के खिलाफ आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया. बता दें कि मंगलवार की शाम परीक्षा दिला कर आरा से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 21, 2019 6:44 AM

सहार : आरा-सहार मुख्य मार्ग पर हो रही प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाओं से आक्रोशित भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने प्रखंड सचिव उपेंद्र भारती के नेतृत्व में आरा-सहार मुख्य मार्ग को मिश्री चक मोड़ के समीप जाम कर दिया और प्रशासन के खिलाफ आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया.

बता दें कि मंगलवार की शाम परीक्षा दिला कर आरा से लौटने के क्रम में पतरिहां निवासी विमलेश महतो की पत्नी रितू देवी की ट्रक की चपेट में आने से मौत हो गयी थी, जिससे गुस्साये ग्रामीणों ने भाकपा माले के नेतृत्व में बुधवार की सुबह 10 बजे से सड़क पर उत्तर कर प्रशासन के खिलाफ आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया तथा पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा तत्काल देने की मांग कर रहे थे. सूचना मिलने के बाद सहार थानाध्यक्ष मनिंद्र कुमार की पहल के बाद तीन बजे सड़क जाम को समाप्त किया गया.
वहीं, सड़क जाम के दौरान उपेंद्र भारती ने कहा कि भोजपुर प्रशासन की ढुलमुल रवैया के कारण आरा- सहार मुख्य मार्ग पर बालू लदे ट्रक पूरे दिन कतार में खड़े रहते हैं, जिसके कारण आये दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं, लेकिन उसके बाद भी जिला प्रशासन इस पर किसी प्रकार का ठोस कदम नहीं उठा रहा है.
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन बालू लदे वाहनों के परिचालन पर दिन में रोक लगाये नहीं, तो भाकपा माले बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगी. साथ ही सरकार पीड़ित परिवार को दस लाख रुपये मुआवजा, सरकारी नौकरी, आवास योजना के लाभ तत्काल मुहैया कराये. हालांकि बीडीओ मनीष कुमार एवं कोरन डिहरी के सरपंच नीतीश कुमार के द्वारा पीड़ित परिवार को पारिवारिक लाभ के तहत 20000 की राशि दी गयी.
वहीं सहार थानाध्यक्ष मनिंद्र कुमार ने 27 नवंबर से बालू लदे गाड़ियों के परिचालन दिन में नहीं होने का आश्वासन दिया, जिसके बाद सड़क जाम समाप्त किया गया. सड़क जाम के दौरान भाकपा माले के रामकिशोर राय, रामानंद ठाकुर, नथुना पासवान, लाल बहादुर शास्त्री, सुरेंद्र राम, विनोद राम, रामभरोसा राम, जगधारी राम, रोहन राम, अशोक सिंह, रबुद्दीन अंसारी सहित दर्जनों कार्यकर्ता शामिल थे.

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