पुलिस पर हमला मामले में 29 धराये
आरा : मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कौशिक दुलारपुर गांव में बुधवार की देर शाम छापेमारी करने गयी पुलिस पर आक्रोशित ग्रामीणों ने हमला कर दिया था. इस मामले में मुफस्सिल थानाध्यक्ष ज्योति कुमारी के बयान पर 41 नामजद तथा 100 अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज की गयी. पुलिस ने 29 लोगों को गिरफ्तार कर गुरुवार को […]
आरा : मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कौशिक दुलारपुर गांव में बुधवार की देर शाम छापेमारी करने गयी पुलिस पर आक्रोशित ग्रामीणों ने हमला कर दिया था. इस मामले में मुफस्सिल थानाध्यक्ष ज्योति कुमारी के बयान पर 41 नामजद तथा 100 अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज की गयी. पुलिस ने 29 लोगों को गिरफ्तार कर गुरुवार को जेल भेज दिया. साथ ही ग्रामीणों द्वारा पुलिस की छीनी हुई राइफल और कारबाइन बरामद कर लिया गया.
घटना के बाद एसपी सुशील कुमार के नेतृत्व में पुलिस भारी संख्या में पहुंचकर छापेमारी करते हुए हथियार व शराब बरामद की. इस मामले में मुख्य आरोपित शिवजी यादव का बेटा सुनील यादव को बनाया गया है.
पुलिस के अनुसार बताया जा रहा है कि बुधवार की शाम मुफस्सिल थाना पुलिस को सूचना मिली की कौशिक दुलारपुर गांव में शिवजी यादव के घर भारी मात्रा में शराब रखी हुई है, जिसके बाद मुफस्सिल थाना पुलिस दल बल के साथ छापेमारी करने पहुंची, जहां पुलिस ने शराब बरामद कर और दो लोगों को हिरासत में भी ले लिया. इसी बीच बरामद शराब लेकर आ रही गाड़ी फंस गयी. इसी बीच ग्रामीण आक्रोशित हो गये और पुलिस बल पर हमला कर दिये, जिसमें मुफस्सिल थानाध्यक्ष ज्योति कुमारी समेत आधा दर्जन पुलिस कर्मी जख्मी हो गये. पुलिस पर जमकर पत्थरबाजी की गयी.
इसी बीच शरारती तत्वों ने पुलिस का राइफल व कारबाइन भी छीन लिया. बाद में घायलों को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. इधर सूचना मिलने के बाद एसपी सुशील कुमार दल बल के साथ कौशिक दुलारपुर पहुंचे और देर रात तक छापेमारी की, जहां से लूट की राइफल व कारबाइन फेंका हुआ लावारिस हालत में बरामद किया गया.
साथ ही इस मामले में 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया. अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी को पुलिस की छापेमारी चल रही है. इधर पुलिस के छापेमारी के दौरान मारपीट में कई ग्रामीण भी घायल हो गये हैं, जिनका इलाज चल रहा है. हंगामे के दौरान बरामद शराब को भी शरारती तत्व लेकर भाग गये. हालांकि पुलिस द्वारा भारी मात्रा में शराब बरामद की गयी है.
जान बचाकर भागी पुलिस नहीं तो जा सकती थी जान
घटना में घायल प्रत्यक्षदर्शी हवलदार ने बताया कि अगर हमलोग जान बचाकर नहीं भागते, तो ग्रामीण घेर कर ईंट-पत्थर से मार डालते. आलम यह था कि चारों तरफ पुलिस घीर गयी थी और आक्रोशित लोग पत्थरबाजी कर रहे थे, जिसमें आधा दर्जन से ऊपर पुलिसकर्मियों को चोटें आयी हैं. इस घटना में कई पुलिस पदाधिकारी भी जख्मी हो गये हैं. हालांकि सभी घायल खतरे से बाहर हैं.
पूर्व में भी हो चुकी है इस तरह की घटनाएं
शराब के मामले में छापेमारी करने गयी पुलिस पर पूर्व में भी कई घटनाएं हो चुकी है. पुलिस छापेमारी को हल्के में लेकर जाती है, जिसके बाद ग्रामीण के आक्रोश का शिकार होना पड़ता है. बीते वर्ष धनगाई थाना क्षेत्र में भी पुलिस पर हमला हो चुके है.