चापाकल लगाने के लिए 20 मई डेड लाइन घोषित
आरा : गरमी के मौसम में जिले के आम नागरिकों को पेयजल समस्या से निजात दिलाने को लेकर प्रशासन ने तैयारी की है. इस बाबत सोमवार को पेय जल समस्या पर रणनीति तैयार करने तथा वित्तीय वर्ष 2012-13 के नये लगनेवाले चापाकलों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा को लेकर जिलाधिकारी पंकज कुमार पाल की अध्यक्षता में बैठक हुई.
इसमें जिलाधिकारी ने दो टूक शब्दों में कहा कि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अधिकारी आप लोग पेयजल संकट से निबटने के लिए कमर कस कर तैयार हो जायें. क्योकि गरमी का मौसम शुरू हो गया है.
उन्होंने कहा कि जिले के किसी भी क्षेत्र से पेयजल संकट की शिकायत हमें नहीं मिलनी चाहिए. साथ ही पेयजल संकट को लेकर शहर या ग्रामीण क्षेत्रों में विधि-व्यवस्था की समस्या भी उत्पन्न नहीं होनी चाहिए.
दोषी के खिलाफ होगी कार्रवाई
विभाग समय रहते तैयारी पूरी नहीं कि तो समस्या उत्पन्न होने पर संबंधित दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध जांचोपरांत कार्रवाई की जायेगी.जिले में वित्तीय वर्ष 2012-13 में जनवरी से अप्रैल तक कुल 1865 चापाकल नया लगाया जाना था, जबकि अब तक सिर्फ 150 नया चापाकल लगाया गया है.
उन्होंने कहा कि इस कार्य में 21 संवेदक को लगाया गया है. फिर भी अभी 1715 नया चापाकल लगाया जाना बाकी है. उन्होंने कहा कि बैठक में सभी संवेदक को 20 मई तक हर हाल में 1715 नया चापाकल लगवाये जाने को कहा गया है. उक्त तिथि संवेदकों के लिए अंतिम डेड लाइन घोषित की गयी है.
डीएम ने कहा कि डेड लाइन समाप्त होने के बाद 21 संवेदकों के एकरारनामा रद्द करते हुए इनको काली सूची में डाल दी जायेगी. उन्होंने कहा कि जिले में 19 हजार सरकारी चापाकल लगाये गये हैं.
ऑन लाइन मरम्मत के लिए बनी टीम
सरकारी चापाकल खराब होने की स्थिति में ऑन लाइन मरम्मत का कार्य रखने को लेकर 11 टीम लगायी गयी हैं, जो शिकायत प्राप्त होते ही खराब चापाकलों की मरम्मत पहुंच कर करेंगे. वहीं शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नवनिर्मित जलमीनार को भी चालू रखने का निर्देश दिया गया है.