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हथियार तस्कर गिरोह का कैरियर चढ़ा पुलिस के हत्थे

आरा : टना एसटीएफ से मिली सूचना के आधार पर भोजपुर पुलिस ने अंतरराज्यीय हथियार तस्कर गिरोह के कैरियर को स्टेशन परिसर के बाहर से धर दबोचा. पकड़ा गया कैरियर उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के थाना लाइनपार क्षेत्र के कड़ी कृपा गांव का रहनेवाला मुरारी लाल का पुत्र दीपक उर्फ दीपु चंद बताया जाता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2014 9:35 AM
आरा : टना एसटीएफ से मिली सूचना के आधार पर भोजपुर पुलिस ने अंतरराज्यीय हथियार तस्कर गिरोह के कैरियर को स्टेशन परिसर के बाहर से धर दबोचा. पकड़ा गया कैरियर उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के थाना लाइनपार क्षेत्र के कड़ी कृपा गांव का रहनेवाला मुरारी लाल का पुत्र दीपक उर्फ दीपु चंद बताया जाता है.
उसके पास से 315 बोर का 150 जिंदा (15 डिब्बों में बंद) कारतूस, दो मोबाइल तथा एक पहचान पत्र बरामद किया गया है. पूछताछ के दौरान अपराधी ने बताया कि सभी कारतूस भोजपुर में सप्लाइ करनी थी. पुलिस अधीक्षक अख्तर हुसैन ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि सभी बरामद कारतूस पुणो के खड़की स्थित आर्मी आर्म्स फैक्टरी का बना है. डब्बे पर 30.9.2014 अंकित है. एसपी ने बताया कि एसटीएफ ने सूचना दी थी कि अंतरराज्यीय तस्कर गिरोह का एक सदस्य भोजपुर में हथियार, कारतूस सप्लाइ करने के लिए फिरोजाबाद से मगध एक्सप्रेस ट्रेन से आरा जा रहा है.
सूचना के साथ ही सदर एसडीपीओ विनोद कुमार राउत के नेतृत्व में टीम गठित कर स्टेशन परिसर के बाहर छापेमारी की गयी, जहां से दीपक उर्फ दीपु चंद को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार दीपु चंद ने पुलिस को बताया कि अंतरराज्यीय हथियार तस्कर गिरोह का मास्टर माइंड फिरोजाबाद का रहनेवाला है और उसी के कहने पर भोजपुर में सप्लाइ करने आया था. उसने बताया है कि एक मोबाइल नंबर दिया गया था, जिस पर संपर्क कर गोली की सप्लाइ करनी थी. मगध एक्सप्रेस से आरा उतरने के बाद उस नंबर पर संपर्क किया तो उसे स्टेशन परिसर स्थित एटीएम के पास रहने को कहा गया. पुलिस इस नंबर को सर्विलांस पर डाली हुई थी, जिससे एसटीएफ पटना की विशेष टीम ने एसडीपीओ के नेतृत्व में छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया. मास्टर माइंड की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन कर उत्तरप्रदेश के फिरोजाबाद भेजा गया है.
मोबाइल नंबर से सप्लाइ लेनेवाले व्यक्ति की पहचान कर ली गयी है तथा गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. आर्मी कारतूस फैक्टरी से ये गोली कैसे बाहर आयी तथा इसका संबंध किन-किन लोगों से है, इसकी भी जांच की जा रही है.

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