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युवाओं को आकृष्ट कर रहा सोन नद का किनारा

कोईलवऱ : युवा और जवां दिलों की पहली पसंद के रूप में भोजपुर जिले के कोईलवर प्रखंड का सोन नद का किनारा पहले से ही आकर्षण का केंद्र रहा है. यही कारण है कि यहां वर्ष भर प्रवासी एवं देशी पर्यटकों का घूमना-फिरना, मौज-मस्ती करना नदी स्नान और उत्सवों में शामिल होना और यहां के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2014 8:41 AM
कोईलवऱ : युवा और जवां दिलों की पहली पसंद के रूप में भोजपुर जिले के कोईलवर प्रखंड का सोन नद का किनारा पहले से ही आकर्षण का केंद्र रहा है. यही कारण है कि यहां वर्ष भर प्रवासी एवं देशी पर्यटकों का घूमना-फिरना, मौज-मस्ती करना नदी स्नान और उत्सवों में शामिल होना और यहां के आकर्षक दृश्य को अपने मोबाइल कैमरों में संजोने के लिए लोग बेसब्री से नये साल का इंतजार करते हैं.
सोन के तटीय क्षेत्रों में नव वर्ष के उपलक्ष्य पर बालू के रेत पर बैठ कर प्रेमी-प्रेमिका कुछ क्षण बिताना व लिट्टी चोखा, मांस मछली का लुफ्त उठाना और निर्मल जलधारा के साथ स्वत: शैने-शैन वायु की गति के साथ नाव पर बैठ कर घूमना या सैर करना तथा गाने पर थिरकते युवा-युवतियां सैलानी को भाता है. लोग नद में तैरते मछलियों के बीच चारे के रूप में चावल, काले तिल और आटे की गोलियां मछलियों को खिलाते हैं. पानी में जल क्रिया करते प्रवासी पक्षियों का झुंड सैलानियों का मनमोह लेता है.
प्रात: कालीन सूर्योदय की रेशमी किरणों जल पर परती हैं, तो मानो ऐसा लगता है कि एक साथ कई स्वर्ण दीप नद में जगमगा रहें हैं. कोईलवर सोन स्थित विशालकाय अब्दुलबारी रेल सह सड़क पुल सैलानियों के बीच खासे आकर्षण का केंद्र रहा है़ कोईलवर पुल से दक्षिण में बहियारा के पास स्थित अंगरेजी हुकूमत के समय बना पानी टंकी बयालीस एकड़ फैले सुरमयी जंगलों के भू-भाग पर सैलानियों का पिकनिक स्पॉट के रूप में भी इसे यहां खींच लाता है़ धार्मिक आस्था के केंद्र के रूप धंडीहा का त्रिदंडी स्वामी का यज्ञ स्थल व खपड़िया बाबा का ज्ञानस्थली और बिंद्गांवा का गंगा, गंढक व सोन नद का संगम अपनी पहचान के लिए विख्यात है.
वहीं कोईलवर पुल से उतर में स्थित बाबा गोरया मठ के पास अवस्थित शिव मंदिर भी सैलानियों के बीच आकर्षण के केंद्र बना रहता है़ कई लोग प्रात: काल सोन नद में स्नान कर शिव मंदिर में जलाभिषेक करने के साथ-साथ सोनभद्र भगवान के मंदिर में मथ्था टेक शांति व समृद्घी की कामना करते हैं. वहीं कायमनगर में एनएच-30 पर स्थित प्रवासी पक्षियों का बसेरा देखने के लिए लग्जरी वाहनों से कैमरे चमकते रहते हैं, लेकिन सोन नद में बेतरतीब ढंग बालू की अवैध कटाई से घाटों की स्थिति बदरंग हो गयी है़

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