ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड के अनुसंधान में लायी जायेगी तेजी : एसपी

आरा : ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने को लेकर एक बार फिर नये वर्ष में सीबीआइ अनुसंधान कार्य में तेजी लायेगी. उक्त बातें सीबीआइ के एसपी राजीव रंजन ने कही. इसको लेकर सीबीआइ की अनुसंधान टीम एफएसएल के जांच रिपोर्ट के आधार पर एक बार फिर हत्याकांड में शामिल लोगों को गिरफ्त में लेने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2015 11:55 AM
आरा : ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने को लेकर एक बार फिर नये वर्ष में सीबीआइ अनुसंधान कार्य में तेजी लायेगी. उक्त बातें सीबीआइ के एसपी राजीव रंजन ने कही. इसको लेकर सीबीआइ की अनुसंधान टीम एफएसएल के जांच रिपोर्ट के आधार पर एक बार फिर हत्याकांड में शामिल लोगों को गिरफ्त में लेने को लेकर आरा में डेरा डालेगी.
वहीं पूर्व के किये गये अनुसंधान के क्रॉस जांच भी करेगी, ताकि हत्यारों तक सीबीआइ पहुंच सके. एसपी ने उम्मीद जतायी की नये वर्ष में जहां अनुसंधान कार्य में तेजी आयेगी वहीं इस कांड का खुलासा भी हो जायेगा, जिसको लेकर सीबीआइ मुख्यालय में रणनीति बना कर कार्य किया जा रहा है.
सीबीआइ मॉडल के अनुसार पूछताछ के लिए टीम आरा पहुंचेगी, जहां मिले तथ्यों के आधार पर आगे के अनुसंधान जारी रखते हुए कांड की खुलासे में जुट गयी है. सीडीआर व टाइम फैक्टर के आधार पर सीबीआइ टीम अनुसंधान में जुटी हुई है.
शुरुआती जांच में सीबीआइ ने खटाल तक का खटखटाया था दरवाजा : जब सीबीआइ को ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड की जांच का जिम्मा मिला, तो सीबीआइ की टीम सबसे पहले कतिरा स्थित ब्रह्मेश्वर मुखिया के आवास के समीप स्थित खटाल का दरवाजा खटखटा कर सबको चौका दिया था. जांच के शुरुआत में ही सीबीआइ को कई अहम तथ्यों मिले थे, जिसके आधार पर अनुसंधान को आगे बढ़ाते हुए टाइम फैक्टर तथा सीडीआर को खंगालने के बाद क्रॉस जांच की प्रक्रिया अपनाते हुए कई लोगों से लंबी पूछताछ भी की थी.
कतिरा से लेकर खोपिरा तक सीबीआइ टीम करेगी फिर रुख : ब्रह्मेश्ववर मुखिया हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने को लेकर तथा हत्याकांड में शामिल अपराधियों के गिरेबान तक पहुंचने के लिए सीबीआइ की टीम कतिरा से लेकर खोपिरा तक का रुख करेगी. सीबीआइ के एसपी राजीव रंजन की माने तो कतिरा स्थित ब्रह्मेश्वर मुखिया के आवास से लेकर उनके पैतृक गांव खोपिरा जाकर लोगों से जानकारी प्राप्त करेगी. साथ ही पूर्व में लिये गये जानकारी को आधार बना कर अनुसंधान में जुटी हुई है.

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