।। गोपाल मिश्र ।।
आरा : आयर थाना क्षेत्र के बड़घरा गांव में 12 जुलाई को जयराम यादव की हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि उसके भतीजे ने अपने एक दोस्त के साथ मिल कर की थी. इसका खुलासा उनकी गिरफ्तारी के बाद हुआ. पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त धारदार हथियार को भी सनोज कुमार के घर से बरामद कर लिया. गिरफ्तारी के साथ ही इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझ गयी.
* बंटवारे के बाद से था मौके की तलाश में
जमीन का बंटवारा करते समय जयराम को यह पता नहीं था कि यही बंटवारा एक दिन उनके लिए हत्या का कारण बन जायेगा. बंटवारा के बाद से ही भतीजा गुप्तेश्वर सिंह उर्फ गोपू से विवाद चल रहा था. गुप्तेश्वर हमेशा अपने साथ हुई बेइमानी का बदला लेना चाहता था.
* दोस्त के साथ बनायी थी हत्या की योजना
गुप्तेश्वर सिंह उर्फ गोपी अपने एक दोस्त गड़हनी निवासी सनोज कुमार के साथ मिल कर हत्या की योजना बनायी थी. 12 जुलाई की आधी रात में दालान पर सोये अपनेचाचा जयराम यादव की गला काट कर हत्या कर दी. हत्या करने के बाद किसी को शक न हो, इसके लिए अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
* हत्या के दिन से ही भतीजे पर था शक
पुलिस को जयराम यादव की हत्या के दिन से ही उसके भतीजे पर शक था. पुलिस को उसके द्वारा बदल– बदल कर दिये जा रहे बयान के बाद उसने आखिरकार उसे अपने शिकंजे में ले ही लिया.