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पर्यावरण की रक्षा हम सबका दायित्व

आरा : राष्ट्रीय पर्यावरण जागरूकता अभियान के तहत रूलर यूथ को-ऑर्डिनेशन सेंटर आरआरए ,बिहार द्वारा जैव विविधता संरक्षण विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन गीता महिला उत्थान समिति राजेंद्र नगर के परिसर में किया गया. उद्घाटन जय प्रकाश कॉलेज समाज शास्त्र विभाग के शिक्षक डॉ प्रेम रंजन ने किया. स्वागत भाषण समिति के सचिव […]

आरा : राष्ट्रीय पर्यावरण जागरूकता अभियान के तहत रूलर यूथ को-ऑर्डिनेशन सेंटर आरआरए ,बिहार द्वारा जैव विविधता संरक्षण विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन गीता महिला उत्थान समिति राजेंद्र नगर के परिसर में किया गया.

उद्घाटन जय प्रकाश कॉलेज समाज शास्त्र विभाग के शिक्षक डॉ प्रेम रंजन ने किया. स्वागत भाषण समिति के सचिव मणी पांडेय ने किया. इस दौरान मणि पांडेय ने कहा कि रूलर यूथ को ऑर्डिनेशन सेंटर द्वारा बिहार में रिजिनल रिसोर्स एजेंसी के रूप में 1998 से कार्य किया जा रहा है, जो काफी सराहनीय है. उन्होंने कहा कि पर्यावरण की रक्षा आज भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए एक समस्या बन गयी है, जिसकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है.

मुख्य अतिथि वीर कुंवर सिंह विवि के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो अयोध्या उपाध्याय ने अपने संबोधन में जैव विविधता संरक्षण पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि विलुप्त हो रहे जीव जंतुओं औषधीय पौधों एवं जंगली उपयोगी पौधों को सुरक्षा प्रदान करना हमारा दायित्व है.

कार्यशाला के दूसरे सत्र में मिथिलेश कुमार सिंह द्वारा परियोजना प्रस्ताव तैयार करने का तरीका बताया गया. कार्यशाला की अध्यक्षता रामजन्म ठाकुर ने की. कार्यशाला में रामेंद्र प्रसाद, धीरेंद्र पांडेय, रामाकांत , संतोष भारती, अवधेश पाठक आदि उपस्थित थे. धन्यवाद ज्ञापन गीतांजलि ने किया.

* पर्यावरण बचाने की मुहिम में जुटे हैं हरेराम

बड़हरा : बिहार पुलिस से सेवानिवृत्त हुए हरि राम तिवारी उर्फ हरेराम तिवारी की गणना पर्यावरण को सुरक्षित बनाने वाले लोगों में से है. सेवानिवृत्त होने के बाद अपने गांव में लौट कर धार्मिक रीति -रिवाज एवं पूजा -पाठ के साथ रामशहर गांव के खेल मैदान में एक बरगद का पेड़ लगाया. पेड़ अपने युवा अवस्था में पहुंच ग्रामीणों को शुद्ध हवा के साथ शीतल छाया भी दे रहा है. वर्ष 2008 के बाद उन्होंने सैकड़ों की संख्या में आम, अमरूद्ध, आनार आदि के पौधे लगाये तथा पौधारोपण कर अपना धर्म बनाया.

इतना ही नहीं पर्यावरण के साथ – साथ उनका लगाव पशु प्रेम से कम नहीं है. उन्होंने अपने दरवाजे पर दो- तीन धार्मिक महत्व वाले श्वेत कर्ण घोड़ा एवं दर्जनों गाय पाल रखे हैं. उनकी पत्नी कामला देवी पौधारोपण के साथ- साथ पशु सेवा में सदैव उनके मदद के लिए तत्पर रहती है.

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