गैंगरेप व हत्याकांड के आइओ के वेतन पर रोक

आरा : द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेपी मिश्र ने एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप व हत्या करने के मामले में कोर्ट में आकर गवाही नहीं देने पर तत्कालीन संदेश के थानाध्यक्ष नरेंद्र कुमार के वेतन पर रोक लगाने का आदेश दिया है. नरेंद्र कुमार वर्तमान में बेगूसराय में सीआइडी विभाग में पदस्थापित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2013 1:28 AM

आरा : द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेपी मिश्र ने एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप हत्या करने के मामले में कोर्ट में आकर गवाही नहीं देने पर तत्कालीन संदेश के थानाध्यक्ष नरेंद्र कुमार के वेतन पर रोक लगाने का आदेश दिया है. नरेंद्र कुमार वर्तमान में बेगूसराय में सीआइडी विभाग में पदस्थापित हैं. संदेश थाना अंतर्गत भटौली गांव की 13 वर्षीया लड़की का अपहरण कर उसके साथ गैंगरेप करने के बाद उसे नशीला पदार्थ खिला दिया गया, जिसकी मौत इलाज के दौरान हो गयी. पीड़िता ने गांव के मंटू सिंह (25), सोनू सिंह (18), झब्बु सिंह (19), टेनी सिंह (22) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी.

इसमें कहा गया था कि उसे 21 अगस्त ,2011 की रात्रि में उक्त चारों उसे ले गये. दो दिनों तक उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद नशीला पदार्थ खिला कर फुलाड़ी गांव के पास 23 अगस्त को मिल्की में छोड़ दिया गया. किसी तरह अपनी मौसी के घर पहुंची. उसके बाद अस्पताल में उसे होश आया.

पुलिस अधीक्षक के अनुरोध पर उक्त कांड का स्पीडी ट्रायल कोर्ट में चला रहा था. इसमें अनुसंधानकर्ता तत्कालीन संदेश थानाध्यक्ष नरेंद्र कुमार को छोड़ कर सभी गवाहों की गवाही हुई. कोर्ट में गवाही के लिए उसके खिलाफ सम्मन जारी किया. फिर पुलिस अधीक्षक के माध्यम से गवाह को कोर्ट में प्रस्तुत करने के लिए पत्र भेजा गया. इसके बाद भी नहीं आने पर कोर्ट ने 20 मई, 2013 को बेगूसराय के पुलिस अधीक्षक 4 जून 2013 को डीजीपी को गवाह को प्रस्तुत करने के लिए पत्र भेजा.

इस पर भी कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री मिश्र ने जिलाधिकारी, बेगूसराय को पत्र भेज कोर्ट में गवाही देने तक अनुसंधानकर्ता के वेतन पर रोक लगाने का आदेश दिया है. इसमें कहा गया है कि उक्त अनुसंधानकर्ता सीआइडी विभाग में वर्तमान में पदस्थापित हैं.

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