मजदूरों के जीवन संघर्ष का इतिहास है पुराना

आरा : प्रगतिशील लेखक संघ की ओर से बाल हिंदी पुस्तकालय में एक काव्य गोष्ठी हुई. डॉ रविंद्रनाथ राय ने श्रमिकों के जीवन संघर्ष को रेखांकित करते हुए कहा कि दुनिया के सभी मजदूरों के जीवन संघर्ष का इतिहास बहुत पुराना है. इसे बहुत शिद्दत के साथ रेखांकित किया जाना चाहिए. डॉ नीरज सिंह ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:33 PM

आरा : प्रगतिशील लेखक संघ की ओर से बाल हिंदी पुस्तकालय में एक काव्य गोष्ठी हुई. डॉ रविंद्रनाथ राय ने श्रमिकों के जीवन संघर्ष को रेखांकित करते हुए कहा कि दुनिया के सभी मजदूरों के जीवन संघर्ष का इतिहास बहुत पुराना है. इसे बहुत शिद्दत के साथ रेखांकित किया जाना चाहिए.

डॉ नीरज सिंह ने श्रमिकों के जन आंदोलनों को समय व समाज के लिए एक अपरिहार्य तत्व बताया. कवि जितेंद्र कुमार ने कहा कि श्रमिकों की जीवन गाथा पूरी दुनिया के लिए एक अविस्मरणीय क्रांतिकारी गाथा है. इस मौके पर डॉ रेणु मिश्र द्वारा लिखित स्व रमेश चंद्र मिश्र के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित पुस्तक का लोकार्पण भी किया गया. मंच संचालन प्रलेस के सचिव व चर्चित कवि जनार्दन मिश्र ने किया.

गोष्ठी को रामनिहाल गुंजन, डॉ अयोध्या प्रसाद उपाध्याय, हीरा ठाकुर, अतुल प्रकाश, अलख अखौरी, डॉ मनमौजी, डॉ परशुराम सिंह,बीडी सिंह, रामनिहाल गुंजन, ओम प्रकाश मिश्र, राजाराम प्रियदर्शी, सुमन कुमार सिंह, अनंत कुमार सिंह, संतोष श्रेयांष, डॉ किरण कुमारी, नंद किशोर कमल, सुरेश कांटक ने संबोधित किया.

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