आक्रोशित किसानों ने जाम की सड़क

सहार : आरा-सहार मुख्य मार्ग को एकवारी गांव के समीप किसानों ने धान की खरीदारी की मांगा को लेकर जाम कर यातायात को घंटों बाधित कर दिया. बीडीओ दीपचंद्र जोशी, अंचलाधिकारी इंद्रवंश राय एवं डीसीओ मनोज कुमार के आश्वासन के बाद यातायात को बहाल किया गया. बता दें कि धान की खरीद नहीं होने से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2015 7:47 AM
सहार : आरा-सहार मुख्य मार्ग को एकवारी गांव के समीप किसानों ने धान की खरीदारी की मांगा को लेकर जाम कर यातायात को घंटों बाधित कर दिया. बीडीओ दीपचंद्र जोशी, अंचलाधिकारी इंद्रवंश राय एवं डीसीओ मनोज कुमार के आश्वासन के बाद यातायात को बहाल किया गया.
बता दें कि धान की खरीद नहीं होने से आक्रोशित एकवारी गांव के किसानों ने शनिवार की सुबह आरा-सहार मुख्य मार्ग को जाम कर सरकार एवं प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी किया. किसान अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि प्रशासन के निष्क्रियता के कारण किसानों को दर-दर की ठोकरे खानी पड़ रही है. उन्होंने बताया कि प्रशासन गोदाम की किल्लत बता कर धान की खरीद नहीं कर रही है, जबकि एकवारी में एक हजार एमटी के गोदाम खाली पड़ा है, लेकिन प्रशासन की सुनियोजित साजिश के शिकार किसान हो रहे हैं.
उन्होंने कहां कि किसान बैंक से लोन लेकर खेती तो करते हैं, लेकिन समय से धान की खरीद नहीं होने से किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. वहीं कृष्णा राय ने कहा कि धान खरीद के समय सीमा 28 फरवरी तक निर्धारित की गयी है, लेकिन इस समय सीमा के अंदर किसानों की धान की अधिप्राप्ती नहीं हो सकती है कारण कि अभी भी क्रयकेंद्र पर किसानों की धान जा रही है, तो क्रयकेंद्र प्रभारी के द्वारा नमी बताया जा रहा है इस लिए धान खरीद की समय सीमा को सरकार आगे बढ़ाये नहीं, तो हमलोग बाध्य होकर आंदोलन करेंगे.
किसान बैजनाथ सिंह ने कहा कि जिलाधिकारी द्वारा मुदफरपुर में धानक्रय करने के लिए गोदाम की व्यवस्था की गयी है, लेकिन वहां पर बिचौलियो के धान की खरीद पांच सौ रुपये प्रति टेलर लेकर की जा रही है. इसलिए हमलोग मुदफरपुर गोदाम पर धान लेकर नहीं जा सकते हैं. वहीं किसानों नें कहा कि इस सरकार में किसानों की दोहन की जा रही है. क्योंकि इस सरकार में किसानों को न सही दाम पर खाद उपलब्ध हो रही है न समय से पानी. सड़क जाम में कार्यक्रम में शत्रुघ्न राय, विद्यानंद कुमार, उपेंद्र राय, बलिराम शर्मा, राजू पांडे, सुजा महतो, बिहारी महतो, देवकुमार महतो, गणोश जी, इंद्र महतो, नगेंद्र प्रसाद सिंह सहित कई किसान शामिल थे.

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